Wipro Subsidiary Companies Merger: देश की प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो ने सितंबर तिमाही के अपने नतीजे जारी कर दिया है. कंपनी ने इस तिमाही में 2,667.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है. हालांकि, कंपनी ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण चालू तिमाही में राजस्व में 3.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का एकीकृत लाभ 2,649.1 करोड़ रुपये रहा था. इस बीच कंपनी ने बड़ी घोषणा की है. बोर्ड मीटिंग में कंपनी के द्वारा एक और बड़ा फैसला लिया गया है. कंपनी ने विप्रो एचआरसर्विसेज, विप्रो ओवरसीज आईटी सर्विसेज, विप्रो टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सर्विसेज, विप्रो ट्रेडमार्क होल्डिंग और विप्रो वीएलएसआई डिजाइन सर्विसेज का मर्जर पैरेंट कंपनी में करने पर मुहर लगा दी है. हालांकि, मर्जर के लिए कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से वैधानिक और नियामक अप्रूवल लेना होगा. इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विप्रो की तरफ से मर्जर के लिए चार कारण बताये गए हैं. कंपनी का कहना है कि व्यवसाय संचालन को मजबूत करने, संचालन के कोऑर्डिनेशन बेहतर करने, खर्च को कम करने आदि के लिए मर्जर का प्लान किया जा रहा है. चूकि, विप्रो की सभी सहायक कंपनियां पहले से पूर्ण स्वामित्व वाली हैं, ऐसे में यदि मर्जर होता है तो भी नया शेयर जारी नहीं होता और न ही शेयर के पैटर्न में कोई बदलाव होने वाला है.
कम होगी कर्मचारियों की बहाली
विप्रो लिमिटेड खर्च में कटौती कर रहे ग्राहकों का हवाला देते हुए इस साल कम इंजीनियरिंग स्नातकों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. विप्रो ने कहा कि सामान्य तौर पर बड़ी भर्ती के बजाय, वह पहले उन लोगों को भर्ती करेगी, जिन्हें उसने पहले ही ऑफर दे दिया है, लेकिन अभी तक अपने साथ नहीं लाया है. भारत की चौथी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी ने यह टिप्पणी इसलिए की क्योंकि उसने वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में बिक्री में गिरावट और शुद्ध आय के बारे में बताया जो विश्लेषकों के अनुमान से कम थी. कंपनी के चीफ एचआर अधिकारी सौरभ गोविल ने कहा कि इस साल माहौल बदल गया है, जैसा कि आपने पूरे उद्योग में देखा है, तो, हम सतर्क रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विप्रो, जिसने मार्च तक वर्ष में 22,000 नए स्नातकों को नियुक्त किया था, इस वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर कम नई भर्तियां करेगा.
दिसंबर तिमाही में मुनाफे पर पड़ेगा असर
विप्रो का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए आईटी सेवाओं की वृद्धि का अनुमान 3.5-1.5 प्रतिशत कम है, जो स्थिर मुद्रा के संदर्भ में लगभग 21,642.59 – 22,097.44 करोड़ रुपये है. विप्रो ने कहा कि जुलाई-सितंबर अवधि में उसका एकीकृत परिचालन राजस्व हल्की गिरावट के साथ 22,515.9 करोड़ रुपये पर आ गया. पिछले साल की समान तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 22,539.7 करोड़ रुपये रहा था. विप्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) थिएरी डेलपोर्टे ने कहा कि कारोबारी माहौल अनिश्चित रहा है और मुद्रास्फीति एवं ब्याज दरें ऊंची बनी हुई हैं. ग्राहक अपने निवेशों पर अधिक सख्त नजर रख रहे हैं. वे दक्षता, मौजूदा निवेश के अधिकतम इस्तेमाल और नए निवेश पर तेजी से रिटर्न पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विवेकाधीन खर्चों में कमी आना आज की हकीकत है और इसकी वजह से ऑर्डर बुक का राजस्व में रूपांतरण धीमा हो गया है. समीक्षाधीन तिमाही में विप्रो की आईटी सेवाओं का राजस्व घटकर 22,395.8 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल समान अवधि में 22,520.5 करोड़ रुपये था. हालांकि बाकी क्षेत्रों में कंपनी के कारोबार में मामूली वृद्धि हुई. विप्रो के कारोबार में शीर्ष योगदान देने वाले बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा, विनिर्माण और उपभोक्ता खंडों में गिरावट आई है.