अपना उद्यम शुरू करने की चाह महिलाओं में पुरुषों से कहीं अधिक, जानें क्या कहती है रिपोर्ट
विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक स्त्री-पुरुष असमानता रिपोर्ट-2022 में प्रकाशित लिंक्डइन आंकड़ों के मुताबिक, स्टार्टअप की महिला संस्थापकों की हिस्सेदारी 2016 से 2021 के बीच 2.68 गुना बढ़ गई. इसकी तुलना में स्टार्टअप के पुरुष संस्थापकों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.79 गुना ही बढ़ी.
World Economic Forum Report: भारत की श्रमशक्ति में शीर्ष पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व भले ही कम है, लेकिन अपना उद्यम शुरू करने की चाह रखने के मामले में वे पुरुषों से कहीं आगे हैं. यह निष्कर्ष पेशेवर नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर उपयोगकर्ताओं की तरफ से दी गई सूचनाओं के विश्लेषण पर आधारित है. लिंक्डइन के देशभर में करीब 8.8 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जबकि पूरी दुनिया में इनकी संख्या 83 करोड़ है.
विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक स्त्री-पुरुष असमानता रिपोर्ट-2022 में प्रकाशित लिंक्डइन आंकड़ों के मुताबिक, स्टार्टअप की महिला संस्थापकों की हिस्सेदारी 2016 से 2021 के बीच 2.68 गुना बढ़ गई. इसकी तुलना में स्टार्टअप के पुरुष संस्थापकों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.79 गुना ही बढ़ी. रिपोर्ट कहती है कि महिला उद्यमशीलता की वृद्धि दर वर्ष 2020 और 2021 में सर्वाधिक रही. कार्यबल में शीर्ष पदों पर आसीन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 18 प्रतिशत है.
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लिंक्डइन की वरिष्ठ निदेशक (भारत) रुचि आनंद ने कहा कि नया आंकड़ा इस बात की तस्दीक करता है कि भारत में कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल पर पुरुषों की तुलना में अधिक अवरोधों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा, इस प्रतिकूल स्थिति के बावजूद कई महिलाएं इससे बेअसर रहती हैं और उद्यमशीलता अपनाकर एक अलग राह पर चलना जारी रखती हैं. वे ऐसा करियर बनाती हैं जो उन्हें अपनी शर्तों पर अधिक लचीलेपन के साथ काम करने की अनुमति दे.
खासतौर पर महामारी के दौरान साल 2020 और 2021 में यह प्रवृत्ति हावी रही. आनंद कहती हैं कि बीते दो वर्षों में महिलाओं ने सिकुड़ते रोजगार बाजार के बीच अपने खुद के कारोबार शुरू किये और दूसरी महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराया.
हालांकि, शीर्ष पदों पर महिलाओं की मौजूदगी अब भी काफी कम है. यहां तक कि उन्हें कंपनियों के भीतर आंतरिक स्तर पर भी पुरुषों के समान पदोन्नति नहीं मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के शीर्ष पद पर पदोन्नत किये जाने की संभावना 42 प्रतिशत अधिक है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रबंधकीय पदों पर बैठी महिलाओं का प्रतिनिधित्व 29 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गया है.
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