विश्व बैंक ने भारत के जीडीपी वृद्धि अनुमान में 30 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की

भारत की जीडीपी वृद्धि 2023-24 में खपत में कमी आने की वजह से धीमी पड़कर 6.3 फीसदी पर आ सकती है, जो पहले के 6.6 फीसदी के अनुमान से कम है. विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि के अपने ताजा अनुमान में कहा कि खपत में धीमी बढ़ोतरी होने और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों की वजह से वृद्धि बाधित हो सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2023 1:38 PM

नई दिल्ली : विश्व बैंक ने अपने ताजा भातर विकास रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023-24 के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि अनुमान में 30 आधार अंक की कटौती की है. उसने भारत की आर्थिक वृद्धि को 6.6 फीसदी से घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया है. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि को धीमी खपत और बाहरी परिस्थितियों को चुनौती देने से बाधित होने की उम्मीद है.

खपत में कमी से वृद्धि प्रभावित

विश्व बैंक की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के कहा गया है कि भारत की जीडीपी वृद्धि 2023-24 में खपत में कमी आने की वजह से धीमी पड़कर 6.3 फीसदी पर आ सकती है, जो पहले के 6.6 फीसदी के अनुमान से कम है. विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि के अपने ताजा अनुमान में कहा कि खपत में धीमी बढ़ोतरी होने और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों की वजह से वृद्धि बाधित हो सकती है.

आमदनी में गिरावट और कर्ज होगा महंगा

रिपोर्ट में कहा गया है कि आय में धीमी वृद्धि और कर्ज के महंगा होने का असर निजी उपभोग की वृद्धि पर पड़ेगा. महामारी से संबंधित वित्तीय समर्थन के कदमों को वापस लेने की वजह से सरकारी खपत की रफ्तार भी कम रहने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटा 2023-24 में कम होकर 2.1 फीसदी पर आ सकता है, जो तीन फीसदी था. मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान जताया गया है कि यह 6.6 प्रतिशत से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ सकती है.

Also Read: भारत की जीडीपी तीसरी तिमाही में घटकर 4.4 फीसदी पर पहुंची, विनिर्माण क्षेत्र का खराब प्रदर्शन

भारत का वित्तीय क्षेत्र मजबूत

विश्व बैंक की रिपोट में कहा गया है कि भारत में महंगाई बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में कमी और घरेलू मांग में कमी के बीच 2023-24 में औसतन 5.2 फीसदी गिरावट का अनुमान है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को कम करने के लिए उदार उपायों को वापस ले लिया है. भारत का वित्तीय क्षेत्र मजबूत बना हुआ है. संपत्ति क्षेत्र में सुधार हो रहा है और निजी क्षेत्र की मजबूत ऋण वृद्धि से उत्साहित है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version