13.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Year Ender 2023: अर्थव्यवस्था में तेजी से विदेशी निवेशकों की पसंद बना भारत, जानें 2024 में क्या होगा हाल

Year Ender 2023-FDI in India: इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 22 प्रतिशत घटकर 48.98 अरब डॉलर रह गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर था.

Year Ender 2023-FDI in India: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 2024 में गति पकड़ने की संभावना है. बेहतर व्यापक आर्थिक आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन में तेजी के साथ आकर्षक पीएलआई योजना के कारण अधिक संख्या में विदेशी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित होंगी. भू-राजनीतिक बाधाओं और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में सख्ती के बीच भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार लगातार एफडीआई नीति की समीक्षा करती है और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाता है. इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 22 प्रतिशत घटकर 48.98 अरब डॉलर रह गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर था. राजेश कुमार सिंह ने कहा कि 2014-23 की अवधि में एफडीआई आवक लगभग 596 अरब डॉलर रही है, जो 2005-14 के दौरान भारत को मिले एफडीआई से लगभग दोगुना है. उन्होंने कहा कि एफडीआई के ये रुझान सकारात्मक हैं और भारत अभी भी विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है. औषधि, खाद्य प्रसंस्करण और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने नतीजे देने शुरू कर दिए हैं और इनमें से कई क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ा है.

Also Read: Year Ender 2023: अदाणी से अंबानी तक की कंपनियों के हुए टॉप 10 विलय-अधिग्रहण, 2024 में उद्योग को देंगे नया आकार

क्या है इस साल एफडीआई में गिरावट का कारण

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि इस साल एफडीआई में गिरावट की एक वजह सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में तेजी हो सकती है, क्योंकि ये देश भारत में एफडीआई के प्रमुख स्रोत हैं. सलाहकार फर्म डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पूंजी प्रवाह में मंदी की वजह वैश्विक नकदी में सख्ती और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि दुनिया जल्द ही भारत के बुनियादी सिद्धांतों की ताकत को पहचान लेगी और पूंजी प्रवाह बढ़ेगा. कानूनी सलाहकार फर्म इंडसलॉ के साझेदार अनिंद्य घोष ने कहा कि भारत इस तथ्य से कुछ राहत महसूस कर सकता है कि वह हाल की आर्थिक मंदी की मार झेलने वाला अकेला देश नहीं है. उन्होंने कहा कि हाल में भारत में एफडीआई में आई गिरावट को लेकर काफी चिंताएं हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अगले साल एफडीआई प्रवाह में मामूली वृद्धि हो सकती है.

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट क्या है

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) एक प्रणाली है जिसमें एक व्यक्ति, संगठन, या स्वतंत्र देश एक अन्य देश में निवेश करता है, जिससे उसे वहां के व्यापार या उद्यम में हिस्सेदारी मिलती है. यह निवेश उस देश के अन्यान्य विभागों में शामिल हो सकता है, जैसे कि उद्यम, शेयर बाजार, वित्तीय सेवाएं, और अन्य संपत्तियां. FDI में निवेश करने वाला व्यक्ति या संगठन एक देश के बाहर निवेश करते समय उस देश की विभिन्न प्रतिबंधिताओं, नियमों, और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए. FDI का मुख्य उद्देश्य हो सकता है विदेशी बाजारों में पहुंचना, नई तकनीक और ज्ञान को प्राप्त करना, विदेशी वस्तुएं बनाना या प्रदान करना, और विदेशी उद्यमिता के साथ साझेदारी करके स्थानीय बाजार में प्रवेश करना शामिल हो सकता है. FDI का उदाहरण हैं एक विदेशी कंपनी जो एक देश में नई शाखा खोलती है या एक स्थानीय कंपनी में हिस्सेदारी खरीदती है. इसके माध्यम से विदेशी निवेशक विशेष रूप से उस देश के अर्थतंत्र में सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन यह भी स्थानीय अर्थतंत्र को प्रभावित कर सकता है.

(भाषा इनपुट के साथ)

Also Read: Year Ender 2023: इस साल बाजार में रही आईपीओ की धूम, टाटा टेक से लेकर JSW तक ने निवेशकों का कराया बंपर मुनाफा

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें