Year Ender 2023: कोल गैसीफिकेशन पर सरकार का फोकस, 2024 में उत्पादन बढ़ाना होगी चुनौती

Year Ender 2023: सरकार अधिक कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल वाली) और वाणिज्यिक कोयला खदानों को परिचालन में लाने, शुष्क ईंधन की गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरण स्थिरता के लिए परिवाहन ढांचे पर भी काम कर रही है. खानों के रिकॉर्ड को डिजिटल करने की भी तैयारी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2023 3:04 PM

Year Ender 2023: कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता, उत्पादन में बढ़ोतरी और भूमिगत खनन गतिविधियों को बढ़ावा देना कोयला क्षेत्र के लिए सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. यह क्षेत्र देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा सरकार अधिक कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल वाली) और वाणिज्यिक कोयला खदानों को परिचालन में लाने, शुष्क ईंधन की गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरण स्थिरता के लिए परिवाहन ढांचे पर भी काम कर रही है. खानों के रिकॉर्ड को डिजिटल करने की भी तैयारी है. कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सरकार ने कोयला गैसीकरण के संबंध में पहले ही दो नीतियों को अधिसूचित कर दिया है और ऐसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ कर प्रोत्साहन भी प्रदान करने की योजना बनाई है. कोयला मंत्रालय ने अपनी ऊर्जा बदलाव योजनाओं के अनुरूप वित्त वर्ष 2029-30 तक 10 करोड़ टन कोयले को गैसीकृत करने का लक्ष्य रखा है.

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अमृत लाल मीणा ने कहा कि अब, हम (कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए) कुछ वित्तीय सहायता और कर प्रोत्साहन के लिए एक नीति ला रहे हैं. यह विचाराधीन है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोयला गैसीकरण में सकारात्मक तेजी आए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए काम कर रही है. कोयला गैसीकरण से 2030 तक आयात कम होने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन घटाने और हरित व्यवहार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. कोयला गैसीकरण प्रक्रिया में पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने हरित मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया है. इसमें परियोजना प्रस्तावक को पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन करना होगा और एक पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार करनी होगी. कोयला गैसीकरण संयंत्र की स्थापना से संबंधित किसी भी गतिविधि को शुरू करने से पहले एक विशेषज्ञ समिति द्वारा योजना की विधिवत जांच की जाएगी.

केंद्र ने एक नीति भी बनाई है जिसमें गैसीकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन के लिए भविष्य की सभी वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी में राजस्व हिस्सेदारी में 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है. यह इस शर्त पर होगा कि गैसीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली मात्रा कुल उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत हो. नए कोयला गैसीकरण संयंत्रों के लिए कोयला उपलब्ध कराने के लिए गैर-विनियमित क्षेत्र के तहत अलग नीलामी खिड़की भी बनाई गई है. सचिव ने बताया कि कुल 91 वाणिज्यिक ब्लॉक और 55 कैप्टिव खदानों में से 51 खदानें वर्तमान में चालू हैं. इन ब्लॉक ने पिछले वित्त वर्ष में 11.6 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया और मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य 16.2 करोड़ टन का है.

भारत का कोयला क्षेत्र दुनिया में दूसरे स्थान पर है. साल 2022-23 में कोयला उत्पादन 14.8 प्रतिशत बढ़कर 89.3 करोड़ टन पर पहुंच गया. कुल वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है. कोयला उत्पादन में भारत का स्थान दूसरा है. पहले स्थान पर चीन है. कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने 2023-24 में एक अरब टन के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 2029-30 तक कोयला उत्पादन डेढ़ अरब टन करने का लक्ष्य है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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