नयी दिल्ली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यस बैंक पांचवां ऐसा बैंक है, जिसकी निकासी पर आरबीआई ने बैन लगा दिया है. बैंकों की निकासी पर बैन लगाने की शुरुआत सितंबर 2019 में पीएमसी बैंक पर लगे बैन के साथ हुई थी. इसी कड़ी में आरबीआई ने पिछले दिनों यस बैंक पर भी बैन लगा दिया है. आइये जानते हैं इससे पहले मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कौन-कौन से बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है.
पीएमसी बैंक महाराष्ट्र- बैंकों की निकासी पर बैन लगाने की शुरूआत इसी बैंक से हुई. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 24 सितंबर 2019 को पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) पर प्रतिबंध लगा दिया था. आरबीआई ने इस बैंक के खाते से पैसा निकालने की सीमा भी तय कर दी थी, जिसमें एक खाताधारक अपने खाते से एक दिन में 1000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेगा. केंद्रीय बैंक ने पीएमसी बैंक को नया लोन नहीं देने का भी निर्देश दिया था.
सहकारी बैंक– डिफॉल्टर की कगार पर खड़ी बैंगलुरू की गुरू राघवेंद्र सहकारी बैंक की निकासी पर भी जनवरी में आरबीआई ने रोक लगा दिया था. आरबीआई ने निर्देश जारी कर कहा था कि इस बैंक के ग्राहक 35000 हजार से अधिक रूपये नहीं निकाल सकते हैं.
कोलकाता महिला को ऑपरेटिव बैंक- पश्चिम बंगाल में महिलाओं की को-ऑपरेटिव बैंक कोलकाता को-ऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई ने जनवरी 2020 में बैन लगा दिया था. बैन के अनुसार इस बैंक के ग्राहक छह महीने के अंतराल में सिर्फ एक बार 1000 रुपये तक निकाल सकते हैं.
शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक- पुणे से संचालित होने वाली इस बैंक पर आरबीआई ने अक्टूबर 2019 में प्रतिबंध लगाया था. प्रतिबंध के अनुसार बैंक से ग्राहक सिर्फ 1000 रुपये ही निकाल सकते हैं.
यस बैंक- टॉप प्राइवेट बैंक में शुमार रहे यस बैंक पर आरबीआई ने पिछले दिनों प्रतिबंध लगाया था. आरबीआई ने नर्देश जारी कर कहा कि इस बैंक के ग्राहक 50000 से अधिक रूपये की निकासी नहीं कर सकते हैं.
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