मुंबईः देश भर के कई शहरों में गुरुवार रात येस बैंक (YES BANK) के एटीएम पर लंबी कतार लगी रही. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा येस बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी सीमा तय होने के बाद बैंक के ग्राहकों में बेचैनी बढ़ गई. येस बैंक के ग्राहक जल्द से जल्द अपना पैसा निकाल लेना चाहते हैं. गुरुवार देर रात येस बैंक के एटीएम में लोगों की भीड़ जमा होने के कारण पुलिस भी अलर्ट मोड आ गई.
लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था. येस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी. गुरुवार रात राजस्थान के जयपुर और महाराष्ट्र के मुंबई समेत कई इलाकों में येस बैंक के एटीएम में पैसा निकालने वालों की भीड़ देखने को मिली. मुंबई में एटीएम भी रातोंरात खाली हो गए. बता दें कि करीब 15 साल पहले शुरू हुए येस बैंक की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. बैंक पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है. इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है. बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है. रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है.
Maharashtra: People queue up outside Yes Bank's Fort Branch in Mumbai. The bank was placed under moratorium by Reserve Bank of India (RBI) and the withdrawal limit was capped at Rs 50,000, yesterday. pic.twitter.com/SEUglndblM
— ANI (@ANI) March 6, 2020
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को येस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी. यदि इस योजना का क्रियान्वयन होता है तो कई वर्षों में यह पहला मौका होगा जबकि निजी क्षेत्र के किसी बैंक को जनता के धन के जरिये संकट से उबारा गया.
इससे पहले 2004 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक का ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स में विलय किया गया था. 2006 में आईडीबीआई बैंक ने यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक का अधिग्रहण किया था. इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था.
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