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यस बैक के संस्थापक ने नोटबंदी को कहा था मास्टरस्ट्रोक, TMC सासंद ने कहा- अपना ट्वीट फिर से देख लें

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने नोटबंदी को मास्टरस्ट्रोक बताया था, जिसको लेकर लोग अब उनका मजाक उड़ा रहे हैं. ट्विटर यूजर उनके पुराने ट्वीट को रिट्वीट कर यस बैंक की नकदी संकट पर सवाल उठा रहे हैं. दरअसल बैंक में नकदी संकट के कारण आरबीआई ने गुरूवार को यस बैंक से 50,000 रुपये से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दिया है.

By AvinishKumar Mishra | March 6, 2020 2:34 PM
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नयी दिल्ली: यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने नोटबंदी को मास्टरस्ट्रोक बताया था, जिसको लेकर लोग अब उनका मजाक उड़ा रहे हैं. ट्विटर यूजर उनके पुराने ट्वीट को रिट्वीट कर यस बैंक की नकदी संकट पर सवाल उठा रहे हैं. दरअसल बैंक में नकदी संकट के कारण आरबीआई ने गुरूवार को यस बैंक से 50,000 रुपये से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दिया है.

क्या लिखा है ट्वीट में– सरकार ने 8 नवंबर 2016 को भारत में 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था, जिसके अगले दिन राणा कपूर ने नोटबंदी को मास्टरस्ट्रोक बताया था. कपूर ने बयान जारी कर कहा था कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था में गति आ

कपूर के इस ट्वीट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा है कि नोटबंदी पर अपने इस ट्वीट रो फिर से देख लें.

अब लोग ले रहे मजे– राणा कपूर के इस ट्वीट को लोग रिट्वीट कर मजे ले रहे हैं. @roflofgandhi नामक एक पैरोडी हैंडल ने ट्वीट कर लिखा, मिल गयी न डिलिवरी कपूर साहब, अब पांच रेटिंग दे दे नमो एप्प पर.

एक अन्य यूजर @viveksharma ने लिखा, नोटबमदी सच में मास्टरस्ट्रोक थी, बस यस बैंक के लिए कल से लागू हुई है.

यूजर @ohdasgar6 ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि बहुत भावुक आर्टिकल लिखा है. मेरे आंखों में आंसू आगये.

राणा कपूर को जानिए– राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर 2003 में यह बैंक की स्थापना की थी. 2008 में मुंबई हमले के दौरान अशोक की मौत हो गयी, जिसके बाद से बैंक का बुरा दिन शुरू है गया था. शुरूआत में राणा कपूर और अशोक कपूर परिवार के बीच जमकर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई और मामला बंबई हाईकोर्ट पहुंचा. वर्चस्व की लड़ाई खत्म नहीं हुई कि बैंक में डिफॉल्टर की संख्या बढ़ती गयी, जिसके बाद राणा को अपना शेयर बेचना पड़ा. 2019 में आरबीआई ने राणा को बैंक के सीईओ पद से हटा दिया, जिसके बाद बैंक में राणा के सिर्फ 900 शेयर बच गये थे. आरबीआई की इस कार्रवाई पर अभी तक राणा का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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