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SIP के लिए बड़ा रिस्क लेने को युवा तैयार, एसबीआई की पूर्व चीफ ने बैंकों को दी कड़ी नसीहत

SIP: एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुधंति भट्टाचार्य का यह बयान तब सामने आया है, जब अभी हाल के दिनों में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों में डिपॉजिट घटने पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि परिवार के लोग अब बचत के लिए बैंकों में डिपॉजिट कम कर रहे हैं.

By KumarVishwat Sen | September 21, 2024 4:20 PM
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SIP: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने डिपॉजिट पर देश के बैंकों को कड़ी नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि बैंकों में पैसा रखने का जमाना अब खत्म हो गया. बैंक अब भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहे हैं, जबकि आज की युवा पीढ़ी निवेश के लिए किसी भी प्रकार का रिस्क लेने को तैयार है और इसमें एसआईपी का सबसे बड़ा रोल है. इसके साथ ही, उन्होंने बैंकों को नसीहत देते हुए यह भी कहा कि उन्हें वास्तविकता को समझना होगा. अब वह जमाना चला गया, जब हमारी पीढ़ी के लोग बैंकों में डिपॉजिट को बड़ी बात समझते थे. आज की युवा पीढ़ी बैंकों में डिपॉजिट करने के बजाय निवेश पर रिस्क लेने पर भरोसा करती है.

डिपॉजिट पर बैंकों की निर्भरता खत्म

खबरिया चैनल सीएनबीसी-टीवी18 को दिए एक साक्षात्कार में अरुधंति भट्टाचार्य ने कहा कि इस समय बैंकिंग क्षेत्र बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि अब डिपॉजिट पर निर्भरता खत्म हो गई है. इसकी जगह पर अब डिपॉजिट और मार्केट डेट के बीच बैलेंस बनता दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि हर विकसित अर्थव्यवस्था में ऐसा देखने को मिल रहा है. अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि पहले हमारा बैंकिंग सिस्टम डिपॉजिट पर निर्भर रहता था. मुझे नहीं लगता कि अब वह दौर दोबारा लौटेगा.

एसआईपी के जरिए शेयर मार्केट में निवेश कर रहा है आम आदमी

सेल्सफोर्स इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने आगे कहा कि हमारी पीढ़ी को परिवार के बुजुर्गों और युवा पीढ़ी की जरूरत थी, लेकिन आज के जमाने में युवा पीढ़ी केवल बचत पर फोकस कर रहा है. इसमें एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का सबसे बड़ा रोल है. उन्होंने कहा कि एसआईपी के जरिए देश की बड़ी आबादी बचत के साथ-साथ निवेश भी कर रही है. कोई भी आदमी म्यूचुअल फंड में छोटी रकम के जरिए मार्केट में निवेश कर सकता है. उन्होंने कहा कि आप भी 2000 का निवेश शेयर बाजार में कर सकते हैं. आपका यह पैसा म्यूचुअल फंड में लगता है और म्यूचुअल फंड आपका पैसा शेयरों में लगाता है. इस तरह एक आम आदमी की पहुंच शेयर बाजार तक हो रही है.

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एसआईपी ने बढ़ाया बैंकों का काम

उन्होंने कहा युवा पीढ़ी का रुझान एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रति बढ़ने से बैंकों का काम बढ़ गया है. उन्होंने बैंकों को आगाह करते हुए कहा कि उसके ट्रेजरी डिपार्टमेंट को अपने ऑपरेशन को बढ़ाना होगा. पहले इस डिपार्टमेंट पर आलसी होने का इल्जाम लगता रहा है, लेकिन अब उसे एसेट और लायबिलिटी के बीच अपनी सक्रियता दिखानी होगी.

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आरबीआई गवर्नर ने भी बैंकों को दी थी नसीहत

एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुधंति भट्टाचार्य का यह बयान तब सामने आया है, जब अभी हाल के दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों में डिपॉजिट घटने पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि परिवार के लोग अब बचत के लिए बैंकों में डिपॉजिट कम कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में बैंकों को अपनी डिपॉजिट बढ़ाने के लिए रणनीति में बदलाव लाना होगा. उन्होंने यह भी कहा था कि पिछले कुछ सालों में लोग बैंकों में बचत का पैसा डिपॉजिट करने के बजाय म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों में लगाना बेहतर समझते हैं. एसआईपी के जरिए वे हर महीने के एक निर्धारित राशि का निवेश कर रहे हैं.

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