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जोमैटो-स्विगी तक पहुंची सीसीआई जांच की आंच, तोड़ रहीं कंपीटिशन क्राइटेरिया की सारी हदें

Zomato-Swiggy: सीसीआई की जांच में पाया गया है कि दोनों कंपनियां प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, जिनमें कथित तौर पर कुछ रेस्तरां भागीदारों को तरजीह देना भी शामिल है. कैलेंडर वर्ष साल 2024 की शुरुआत में नियामक को रिपोर्ट सौंपी गई थी.

By KumarVishwat Sen | November 10, 2024 7:30 AM
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Zomato-Swiggy: मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी कराने वाली भारत की दो प्रमुख कंपनी जोमैटो और स्विगी तक सीसीआई (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) की जांच की आंच पहुंच चुकी है. सीसीआई की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी कराने वाली ये दोनों कंपनियां अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं में लिप्त हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इनमें कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित रूप से तरजीही व्यवहार देना भी शामिल है.

जोमैटो-स्विगी के खिलाफ 2022 से चल रही है जांच

एजेंसी की खबर में कहा गया है कि सीसीआई ने अप्रैल, 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी. नियमों के तहत, सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में नियामक की ओर से उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. सभी के विचार और स्पष्टीकरण एकत्र करने के बाद नियामक अंतिम आदेश पारित करेगा. दोनों कंपनियों की जांच का निर्णय भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर लिया गया था.

एनआरएआई ने जांच रिपोर्ट की समीक्षा की

उधर, एनआरएआई ने कहा कि उसने मार्च, 2024 में भेजी गई संशोधित जांच रिपोर्ट की समीक्षा की है. एनआरएआई के अध्यक्ष सागर दरयानी ने उम्मीद जताई कि सीसीआई 2022 में एनआरएआई द्वारा अपनी याचिका में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी जांच में तेजी लाएगा. पिछले महीने स्विगी ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दाखिल आरंभिक दस्तावेजों में सीसीआई मामले का उल्लेख किया था. इसका आईपीओ शुक्रवार को बंद हुआ.

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2024 की शुरुआत में सौंपी गई जांच रिपोर्ट

सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया है कि दोनों कंपनियां प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, जिनमें कथित तौर पर कुछ रेस्तरां भागीदारों को तरजीह देना भी शामिल है. कैलेंडर वर्ष साल 2024 की शुरुआत में नियामक को रिपोर्ट सौंपी गई थी. हालांकि, समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्विगी को ईमेल भी भेजा था, लेकिन ईमेल पर भेजे गए प्रश्न का उत्तर कंपनी की ओर से नहीं दिया गया. वहीं, जोमैटो ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

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