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COVID-19 के संभावित वैक्सीन का ह्यूमैन ट्रायल के लिए जायडस को भी मिली इजाजत, जुलाई में ही शुरू होगा टेस्ट

Coronavirus Vaccine/corona in india : देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के संक्रमण के दौरान आगामी 15 अगस्त को भारत में बनी कोरोना की पहली वैक्सीन कोवैक्सीन (BBV152 CoVID vaccine) को लॉन्च किए जाने की खबरों के बीच दवा बनाने वाली एक दूसरी कंपनी को भी कोविड-19 के संभावित वैक्सीन के ह्यूमैन ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिली है. कैडिला हेल्थकेयर ग्रुप की कंपनी जायडस (Zydus) को कोविड-19 (COVID-19) के भारत में विकसित संभावित टीके (Vaccine) का ह्यूमैन ट्रायल करने की घरेलू प्राधिकरणों से मंजूरी मिल गयी है. दवा बनाने वाली कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा विकसित टीके जायकोव-डी (Zyacov-D) का प्री-क्लीनिकल टेस्ट पूरा हो गया है. इसके बाद उसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के भारत के औषधि महानियंत्रक (DGCI) से इसके ह्यूमैन ट्रायल की मंजूरी मिल गयी है.

Coronavirus Vaccine/corona in india : देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के संक्रमण के दौरान आगामी 15 अगस्त को भारत में बनी कोरोना की पहली वैक्सीन कोवैक्सीन (BBV152 CoVID vaccine) को लॉन्च किए जाने की खबरों के बीच दवा बनाने वाली एक दूसरी कंपनी को भी कोविड-19 के संभावित वैक्सीन के ह्यूमैन ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिली है. कैडिला हेल्थकेयर ग्रुप की कंपनी जायडस (Zydus) को कोविड-19 (COVID-19) के भारत में विकसित संभावित टीके (Vaccine) का ह्यूमैन ट्रायल करने की घरेलू प्राधिकरणों से मंजूरी मिल गयी है. दवा बनाने वाली कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा विकसित टीके जायकोव-डी (Zyacov-D) का प्री-क्लीनिकल टेस्ट पूरा हो गया है. इसके बाद उसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के भारत के औषधि महानियंत्रक (DGCI) से इसके ह्यूमैन ट्रायल की मंजूरी मिल गयी है.

जुलाई में ही एक हजार लोगों पर शुरू होगा ट्रायल : कंपनी ने कहा कि वह ट्रायल के लिए संभावित वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा का उत्पादन पहले ही कर चुकी है. कंपनी जुलाई में ही न्यू ट्रायल की शुरुआत करेगी. कंपनी की योजना देश के विभिन्न शहरों में एक हजार से अधिक लोगों के ऊपर इस वैक्सीन के ट्रायल करने की है. कैडिला हेल्थकेयर ने शेयर बाजार को बताया कि ‘जायकोव-डी’ को अहमदाबाद स्थित उसके टीका प्रौद्योगिकी केंद्र में विकसित किया गया है.

जानवरों पर कर लिया गया है सफल परीक्षण : चूहे, सूअर और खरगोश जैसे पशुओं पर किये गये टेस्ट में इस वैक्सीन को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिहाज से काफी मजबूत पाया गया है. इस टीके ने जिन प्रतिरक्षक पदार्थों (Antibodies) का सृजन किया, वे वाइल्ड टाइप वायरस (Wild Type Virus) को पूरी तरह से नियंत्रित कर पा रहे थे. यह इसे कोरोना वायरस के लिए संभावित वैक्सीन का प्रबल दावेदार बनाता है.

क्या है वाइल्ड टाइप वायरस : वायरस के उन स्वरूपों को ‘वाइल्ड टाइप वायरस’ कहा जाता है, जिनके डीएनए में म्यूटेशन के बाद बदलाव नहीं आया हो. कंपनी ने कहा कि इस वैक्सीन का ‘मांसपेशियों’ तथा ‘नसों’ दोनों तरीकों से बार-बार प्रयोग करने के बाद भी सुरक्षा के लिहाज से कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई. खरगोशों पर किये गये टेस्ट में इस टीके की उस मात्रा के तीन गुना को सुरक्षित पाया गया, जितनी मात्रा का इस्तेमाल मानव पर करने की योजना है.

15 अगस्त को लॉन्च को भारत बायाटेक की कोवैक्सीन : बता दें कि देश में एक दूसरी कंपनी भारत बायोटेक को हाल ही में उसके द्वारा विकसित संभावित वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली थी. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत बायोटेक को पत्र लिखकर वैक्सीन का टेस्ट तेज करने के लिए कहा है. संभावना यह भी है कि 15 अगस्त को भारत में बनी कोरोना की पहली वैक्सीन कोवैक्सीन (BBV152 CoVID vaccine) को लॉन्च किया जा सकता है. भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से वैक्सीन लॉन्चिंग संभव है.COVID-19: भारत की पहली वैक्सीन Covaxin बनकर तैयार, सात जुलाई से होगा ‘ह्यूमन ट्रायल’

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Posred By : Vishwat Sen

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