बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के दानापुर रेल मंडल के रघुनाथ पुर स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव रेलवे को भेजा था. रेलवे ने नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है. इसी बात को लेकर अब स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है की इस रेलवे स्टेशन का नाम भगवान राम के नाम से जुड़ा हुआ है और इसे नहीं बदला जाना चाहिए.
स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्टेशन का नाम बदले जाने की घोषणा करने के बाद से ही विरोध शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के विरोध में रघुनाथ पुर में ग्रामीणों ने एक ग्राम रक्षा समिति का गठन किया है. इस कमिटी ने सरकार के इस फैसले के बाद एक बैठक की जहां ग्रामीणों ने सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध धरना देने का निर्णय लिया है. यह धरना 17 अगस्त को होगा.
ग्राम रक्षा समिति के बैठक की अध्यक्षता सर्वेश सिंह ने की. उन्होंने कहा की किसी को इस स्टेशन के नाम से क्या दिक्कत है. यह स्टेशन भगवान राम के नाम पर बना है. इसके साथ ही भगवान ब्रहमेश्वर नाथ का मंदिर इस स्टेशन के बहुत ही करीब है. इस स्टेशन का नाम बदलकर भगवान राम और भगवान शिव के आध्यात्मिक मिलन को मिटाने की साजिश की जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है की नाम बदलने का फैसला लेने से पहले ग्रामीणों से विचार विमर्श करना चाहिए था. ग्रामीण बताते है की गांव का नाम पहले बेला पतवत हुआ करता था जिसे गोस्वामी तुलसीदास ने ग्रामीणों से विचार विमर्श करने के बाद बदलकर अपने आराध्य भगवान श्री राम के नाम पर रखा था.
Also Read: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर NTPC में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, कर्मचारियों को दिया गया उपहार
रघुनाथपुर तुलसी आश्रम आस्था का पौराणिक और ऐतिहासिक केंद्र है. अब यहां के रेलवे स्टेशन के नाम को बदलने से रोकने के लिए 17 अगस्त को सर्वसम्मति से धरना देने का निर्णय लिया गया है. स्टेशन प्रबंधन एवं अधिकारियों को इस बात की सूचना भी दी जा चुकी है.