बक्सर में शनिवार को गंगा नदी में बहता हुआ शव दिखाई दिया. शनिवार की सुबह चौसा प्रखंड मुख्यालय के चौसा श्मशान घाट के पास लोगों ने नदी में बहता हुआ एक शव को देखा, जबकि प्रशासन द्वारा गंगा नदी में शवों के जल प्रवाह करने पर काफी सख्ती है. फिर भी गंगा नदी में शव का मिलना लोगों में चर्चा का विषय है.
बता दें कि कोरोना महामारी की पहली लहर में बक्सर के इसी चौसा के विभिन्न घाटों पर गंगा नदी में 80 शव मिले थे और नौ मई 2021 को गंगा में बहते शवों के कारण पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया था. यूपी-बिहार के सीमावर्ती गांव चौसा में एक दिन में 80 बहते शवों को गंगा नदी से निकाला गया था और सभी शवों को डिस्पोज करा दिया गया था. गंगा नदी की शुद्धता और नमामि गंगे की कार्यशैली पर सवाल भी उठा था. अगर इसी तरह गंगा में शवों का जल प्रवाह होता रहा तो कैसे गंगा को निर्मल रखा जा सकता है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले मई माह में गंगा में बहती लाशें मिलने के बाद 24 घंटे प्रशासन का पहरा हो गया था. घाट पर आ रहे शवों का आंकड़ा रखा जा रहा था. यूपी से शव बहने की आशंका से सीमावर्ती रानीघाट पर गंगा नदी में जाल लगाया गया था. घाटों पर पुलिस के पहरे के साथ-साथ बिजली की व्यवस्था के लिए पोल लगे और बत्तियां भी लगायी गयी थीं, परंतु समय के साथ चौसा श्मशान घाट से प्रशासन ने मुंह फेर लिया.
Also Read: Bihar News: बक्सर में मासूम अंश के लिए दादा ही बना काल, पोते को घर से ले जाकर पानी में डूबाकर मारा
शनिवार को श्मशान घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि घाट के निचले हिस्से में समुचित लाइट की व्यवस्था नहीं है. आनेवाले शवों का डिटेल भी अब नहीं लिखा जा रहा. प्रशासन इस घाट पर ध्यान नहीं देगा, तो एक बार फिर यहां की स्थिति भयावह हो सकती है. पिछले तीन दिनों से शव घाट पर नदी में पड़ा है.
लोगों ने बताया कि सड़ांध व बदबू से वो काफी परेशान हैं. प्रशासन को भी सूचना दी गयी, परंतु कोई पहल नहीं की गयी. इस संबंध में सीओ ब्रिजबिहारी प्रसाद ने बताया कि श्मशान घाट पर गार्ड की व्यवस्था की गयी है. नदी में बहते शव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमे इसकी जानकारी नहीं है. इसका पता कर रहे हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan