बक्सर के चौसा में हुए उपद्रव मामले में पुलिस ने 40 नामजद और चार सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले में तीन एफआइआर दर्ज की गयी है. एक एफआइआर पुलिस ने मारपीट को लेकर करायी है, वहीं, दूसरी एफआइआर चौसा सीओ ने विधि व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर करायी है. तीसरी एफआइआर एसजेवीएन ने कंपनी परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी को लेकर करायी है.
किसानों के साथ मारपीट के मामले में दो पुलिसकर्मियों और थानाध्यक्ष अमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही थानाध्यक्ष को स्थानांतरित जिले के लिए विरामित कर दिया गया है. घटना को लेकर अब भी तनाव बना हुआ है. घटना के बाद से कंपनी में काम बंद है और अगले एक सप्ताह तक काम शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है.
गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री और स्थानीय अश्विनी चौबे, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री व आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी समेत कई नेताओं ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया. इस दौरान बनारपुर गांव में पुलिस कार्रवाई के विरोध में चल रही किसान महापंचायत में पहुंचे अश्वनी कुमार चौबे को विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने अश्वनी चौबे मुर्दाबाद के नारे लगाये, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाला.
बता दें कि मुआवजा को लेकर पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करने वाले कुछ किसानों के घर में घुस कर मंगलवार की रात बक्सर पुलिस ने मारपीट की थी. इसके विरोध में बुधवार की सुबह आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था. दोनों तरफ से पथराव में 10 पुलिसकर्मी जख्मी हो गये.
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आक्रोशित लोगों ने पुलिस के वाहन में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी. इस घटना में 16 वाहन जल गये. बाद में डीआइजी नवीन चंद्र झा ने मौके पर पहुंचे कर मामले को शांत कराया था. मुफस्सिल थाना के नये अध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि पुलिस शरारती तत्वों को चिह्नित करने को लेकर वीडियो और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
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