इसी आधार पर प्रक्रिया शुरू की गयी है. पिछले साल राज्य से बोर्ड के 537 छात्रों ने आइआइटी-जेइइ के लिए क्वालीफाई किया. लेकिन 100 को ही आइआइटी में जगह मिल पायी. इस साल मेधावी छात्रों की संख्या बढ़ी है. विशेषज्ञों का मानना है कि काउंसिल को आइआइटी फोरमैट के साथ चलने के लिए अभी काफी समय लगेगा.
आइआइटी प्रवेश परीक्षा जैसेी प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को तैयार करने की जरूरत है. जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक इंजीनियर शिक्षक ने बताया कि कुछ छात्र विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं. आइआइटी के मेधावियों को अच्छा प्लेसमेंट दिया जा रहा है. नगरीय स्तर पर सीबीएसइ व आइएससी स्कूलों के छात्रों की नतीजों के आधार पर व जेइइ में मेधावी सूची में आने पर काफी मांग है. कंपनियां इनको अच्छे वेतन पर रखना चाह रही हैं.