कोलकाता : महानगर कोलकाता में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को लेकर लगभग 40 साल से काम कर रहे पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने बताया कि कई बार पुलिस की मार खायी, जेल में भी जाना पड़ा लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर सुधार नहीं हुआ है. पर्यावरण को लेकर कई समस्याएं हैं. उन्होंने बताया कि कोलकाता में वायु प्रदूषण के कारण लंग्स कैंसर के मामले बढ़े हैं. यह आंकड़े अन्य शहरों की तुलना में अधिक हैं. कोलकाता धीरे-धीरे ओपन एयर गैस चेंबर में तब्दील होता जा रहा है.
इससे आनेवाले दिनों में खतरा ज्यादा बढ़ेगा. ट्रैफिक सिग्नल को सिंकोलाइजेशन करने के लिए कहा गया था. ग्रीन चैनल करने के बजाय रेड लाइट आने पर गाना बजाने का सिस्टम किया गया है. ऐसा पार्क स्ट्रीट में अक्सर देखने को मिलता है, इससे प्रदूषण बढ़ रहा है. वर्ष 2007 में कोलकाता बुक फेयर के स्थान बदलने को लेकर कोर्ट में मामला दर्ज किया गया था. उस समय 17 गुना ज्यादा प्रदूषण हो रहा था, जो बच्चों के लिए मृत्यु का कारण भी बन सकता था. अब बुक फेयर साल्टलेक व साइंस सिटी के पास मिलन ग्राउंड परिसर में होता है, इससे स्थानीय प्रदूषण कम हुआ है.