कोलकाता : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पश्चिम बंगाल इकाई कांग्रेस की मदद से राज्य से माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को राज्यसभा में भेजना चाहती है. माकपा की राज्य इकाई के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि येचुरी का 2005 और 2017 के बीच राज्यसभा सदस्य के तौर पर शानदार रिकॉर्ड रहा है और पार्टी उन्हें अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में नामित करना चाहती है.
पुनर्निर्वाचन के लिए 2017 में भी उनका नाम सामने आया था और तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पश्चिम बंगाल से उनके नामांकन को समर्थन देने के इच्छुक थे, लेकिन माकपा नेतृत्व ने इन पार्टी नियमों का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि ऊपरी सदन के लिए लगातार तीन बार किसी सदस्य को नामित नहीं किया जा सकता.
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘असाधारण परिस्थिति में असाधारण कदम उठाने पड़ते हैं. देश असाधारण मुश्किल हालात से गुजर रहा है और हमें मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए संसद में एक मजबूत आवाज की आवश्यकता है. इस काम के लिए येचुरी से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता. इस समय बातचीत जारी है, देखते हैं कि क्या होता है.’
उन्होंने कहा कि किसी को लगातार दो बार राज्यसभा सदस्य बनाने की अनुमति नहीं देने का नियम अब लागू नहीं होगा, क्योंकि येचुरी 2017 में नामित नहीं किये गये थे. राज्य विधानसभा में माकपा की मौजूदा संख्या के अनुसार वह किसी को अपने दम पर राज्यसभा में नामित नहीं कर सकती.
माकपा नेता ने कहा, ‘हमें कांग्रेस के समर्थन की आवश्यकता है. हमें उम्मीद है कि यदि येचुरी उम्मीदवार होंगे, तो हमें यह समर्थन मिल जायेगा.’ राज्य में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी 2017 राज्यसभा चुनाव में भी येचुरी को उम्मीदवार के तौर पर समर्थन देने के लिए थी, लेकिन उस समय वामदल पीछे हट गया था.
उन्होंने कहा, ‘यदि येचुरी उम्मीदवार बनाये जाते हैं, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के येचुरी के साथ समीकरण को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि इस बार भी हमें कोई समस्या होगी.’ राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव फरवरी में होने हैं.