कोलकाता : ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने पर ममता बनर्जी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद और प्रवक्ता नुसरत जहां रूही भी भड़क गयी हैं. अभिनेत्री से सांसद बनीं टिकटॉक क्वीन नुसरत ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राम का नाम गले लगाके बोले, ना कि गला दबा के.’
दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले बंगाल के महापुरुषों को लेकर सियासत चरम पर है. पहले स्वामी विवेकानंद और अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस. सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर बंगाल सरकार ने ‘देशनायक दिवस’ मनाया, तो भाजपा ‘पराक्रम दिवस’.
कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थित में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाषण देने के लिए उठीं, तो वहां मौजूद दर्शकों के एक वर्ग ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने शुरू कर दिये. इससे ममता बनर्जी गुस्सा गयीं और कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हुए भाषण देने से इनकार कर दिया.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भी खरी-खोटी सुना दी. हालांकि, वह मंच पर बैठी रहीं और कार्यक्रम छोड़कर नहीं गयीं. तृणमूल कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा पर जमकर हमला बोला. बाद में तृणमूल की ग्लैमरस सांसद और प्रवक्ता नुसरत जहां ने भी अपने गुस्से का इजहार किया.
नुसरत ने विक्टोरिया मेमोरियल में जय श्रीराम का नारा लगाने वालों पर तंज कसते हुए ट्विटर पर विपक्षी पार्टियों को भी निशाने पर लिया. सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की आलोचना की.
Also Read: ममता बनर्जी ने 30 फीसदी वोट के लिए सुभाष चंद्र बोस का अपमान किया : कैलाश विजयवर्गीय
उन्होंने ट्वीट किया, ‘राम का नाम गले लगाके बोलें, ना कि गला दबाके. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सरकारी समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की कड़ी आलोचना करती हूं.’
जय श्रीराम का नारा लगाये जाने से नाराज ममता बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में प्रधानमंत्री को खरी-खोटी सुना दी. कहा कि सरकारी कार्यक्रम की गरिमा का सबको ध्यान रखना चाहिए. यह एक सरकारी कार्यक्रम है. किसी पार्टी का कार्यक्रम या रैली नहीं है. किसी को आमंत्रित करके उसे अपमानित करना आपको शोभा नहीं देता.
Posted By : Mithilesh Jha