कोलकाता : क्या पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान देश के गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह शांतिनिकेतन में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठ गये थे? विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन तृणमूल ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है.
सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें थीं कि केंद्रीय मंत्री के शांतिनिकेतन दौरे के लिए घंटा घर को उतार लिया गया था और आरोप लगे कि अमित शाह यहां टैगोर की कुर्सी पर बैठ गये थे. इसके बाद ही तृणमूल कांग्रेस ने किसी भाजपा नेता का नाम लिये बगैर दावा किया कि पश्चिम बंगाल के बाहर के कुछ ‘पर्यटक’ रवींद्रनाथ टैगोर से जुड़े स्थानों पर आ रहे हैं और ऐसे कृत्य कर रहे हैं, जिनसे गुरुदेव के अनुयायियों की भावनाएं आहत हो रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि गुरुदेव की कुर्सी पर बैठकर कोई टैगोर नहीं बन सकता. हम ऐसे आचरण के खिलाफ पुरजोर प्रदर्शन करेंगे.’ बारासात से तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने यहां कहा कि पार्टी भाजपा नेताओं के ऐसे कृत्यों के खिलाफ पुरजोर प्रदर्शन करेगी.
उन्होंने कहा, ‘कुछ पर्यटक राज्य में और विश्व भारती जैसे स्थानों पर आ रहे हैं, जिन्हें बंगाल की संस्कृति का पता नहीं है. हाल ही में एक ऐसे शख्स रवींद्र भवन के दौरे पर आये और टैगोर की कुर्सी पर ही बैठ गये. उनके मन में इतिहास, धरोहरों और परंपराओं के लिए कोई सम्मान नहीं है.’
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम हाजरा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने पर्यटक और बाहरी के विचार को जन्म दिया है और तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल का रास्ता तैयार करने में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमिका को भुला दिया. केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह पिछले सप्ताह विश्व भारती गये थे और रवींद्र भवन तथा उपासना गृह जैसे ऐतिहासिक भवनों में भी गये.
Posted By : Mithilesh Jha