पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में एक बार फिर अलीपुर कोर्ट ने पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee), डॉ कल्याणमय गांगुली, सुबीरेश भट्टाचार्य, डॉ शांति प्रसाद सिन्हा, अशोक साहा, माणिक भट्टाचार्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अलीपुर कोर्ट (Alipore Court) ने सभी आरोपियों को 14 नवंबर तक फिर जेल हिरासत में भेज दिया है. पार्थ चटर्जी के वकील ने भी जमानत के लिये याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. वहीं अन्य आरोपी भी फिलहाल जेल में ही रहेंगे और सीबआई की ओर से कार्रवाई जारी रहेगी.
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पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने एक बार फिर कोर्ट से अपनी जमानत की याचिका दायर करते हुए कहा कि मुझे छोड़ दे मुझे जीने दे. मेरी कोई गलती नहीं है. मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है. गौरतलब है कि एक महीने बाद पार्थ को कोर्ट ले जाया गया था. पूजा की छुट्टी होने के कारण इस बार सुनवाई नहीं हुई थी. इस दिन पार्थ के वकील ने बार-बार कहा कि पार्थ को किसी भी कीमत पर जमानत दी जानी चाहिए. उस मामले में, वकील ने पासपोर्ट जमा करने का भी अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने हाउस अरेस्ट की बात भी की. उन्होंने पार्थ की शारीरिक समस्याओं पर भी प्रकाश डाला इसके बावजूद कोर्ट ने पार्थ को 14 नवंबर तक जेल हिरासत में भेजने का फैसला दिया है.
अलीपुर में कोर्ट में पेशी के दौरान अर्पिता मुखर्जी ने अपनी मां से फोन पर बता करने की इजाजत मांगी जिसे कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया गया है. सीबीआई की मानें तो फिलहाल जांच चल रही है तो किसी भी आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. मामले की जांच से जुड़ी रिपोर्ट जल्द समाने आएगी . ऐसे में सभी आरोपियों को जेल हिरासत में ही रखा जाना चाहिए. कोर्ट ने सीबीआई की बात मान कर फिलहाल पार्थ समेत सभी आरोपियों को 14 नवंबर तक जेल हिरासत में भेज दिया है.
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