कोलकाता : भारत के गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले कलकत्ता हाइकोर्ट से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार को तगड़ा झटका लगा है. हाइकोर्ट ने ‘प्रताड़ना के कारण’ न्यायिक हिरासत में मारे गये एक व्यक्ति के शव का दूसरी बार अंत्यपरीक्षण कराने का आदेश दिया है.
जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की पीठ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मदन घोरोई उर्फ कालीपद का पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया. मंगलवार को दिये अपने आदेश में कलकत्ता हाइकोर्ट के दो जजों की खंडपीठ ने कहा कि पोस्टमार्टम के समय मृतक मदन के परिवार के दो सदस्य मौजूद रहेंगे.
खंडपीठ ने 10 नवंबर, 2020 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने के आदेश दिये. इस मामले की सुनवाई अब 18 नवंबर, 2020 को होगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि कालीपद उसका कार्यकर्ता था. कालीपद के बड़े भाई ने आरोप लगाया था कि उसके भाई का पोस्टमार्टम सही से नहीं किया गया था.
कालीपद के बड़े भाई ने फिर से अंत्यपरीक्षण का आदेश देने के लिए हाइकोर्ट का रुख किया था. कालीपद के बड़े भाई और याचिकाकर्ता स्वप्न घोरोई ने अर्जी में कहा था कि उनके भाई पर पूर्वी मेदिनीपुर जिला के पटाशपुर में एक महिला को अगवा करने का आरोप था और गिरफ्तारी के बाद 27 सितंबर से वह न्यायिक हिरासत में थे. परिवार को 13 अक्टूबर को कालिपद की मौत की सूचना दी गयी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने मदन का फिर से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया था.
कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद ममता बनर्जी की सरकार ने मदन घोरोई के शव का दोबारा अंत्यपरीक्षण नहीं करवाया. पश्चिम बंगाल की सरकार ने हाइकोर्ट के उस आदेश को दो जजों की खंडपीठ में चुनौती दी. अब दो जजों की खंडपीठ ने भी शव का फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है. इससे ममता बनर्जी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है.
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Posted By : Mithilesh Jha