19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंगाल चुनाव से पहले ममता को झटका, परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने दिया इस्तीफा, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. शुभेंदु अधिकारी पिछले कुछ महीनों से पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से नाराज थे. ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. भाजपा भी उनके स्वागत के लिए तैयार है.

Suvendu Adhikari Resignation: कोलकाता (अमर शक्ति प्रसाद) : तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार के सभी मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया. शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस्तीफा पत्र भेजा और इसकी एक काॅपी राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी भेजी. ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. भाजपा भी उनके स्वागत के लिए तैयार है.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने स्वयं ट्वीट करके यह जानकारी दी है. उन्होंने मंत्री के इस्तीफे की कॉपी को भी ट्विटर पर शेयर किया. राज्यपाल ने बताया कि शुभेंदु अधिकारी ने दोपहर 1:05 बजे तक ई-मेल के माध्यम से इस्तीफा पत्र भेजा है. पत्र में शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल सरकार के सभी मंत्री पदों से इस्तीफा दे रहा हूं और मुझे तत्काल इन सभी पदों से मुक्त किया जाये.’

शुभेंदु अधिकारी के पास परिवहन, सिंचाई व जल संसाधन विभाग का पदभार था. इसके साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने हल्दिया विकास प्राधिकरण (एचडीए) के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार से मिली सुरक्षा भी वापस कर दी है. उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अभी तक श्री अधिकारी ने स्पष्ट नहीं किया है कि वह पार्टी छोड़ेंगे या नहीं. यदि वह भाजपा में आते हैं, तो उनका स्वागत रहेगा.

https://twitter.com/jdhankhar1/status/1332243778766131206

शुभेंदु अधिकारी यदि भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका होगा. शुभेंदु अधिकारी का मेदिनीपुर में बड़ा जनाधार है. वर्ष 2011 में जब ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने वामफ्रंट सरकार को सत्ता से बेदखल किया था, उसमें शुभेंदु अधिकारी की भूमिका काफी अहम थी. शुभेंदु अधिकारी पिछले कुछ महीनों से पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे.

तृणमूल कांग्रेस भी शुभेंदु अधिकारी की अहमियत जानती है. इसलिए जब शुभेंदु अधिकारी ने अपने कार्यक्रमों के पोस्टर-बैनर से ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस दोनों को गायब कर दिया, तो पार्टी सुप्रीमो को इस बात का अनुभव हो गया कि उसे बड़ा झटका लगने वाला है. यही वजह थी कि तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर खुद शुभेंदु से मिलने उनके घर गये थे.

Also Read: भाजपा बाहरी लोगों की पार्टी, बंगाल में उनके लिए कोई जगह नहीं, बोलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

हालांकि, प्रशांत किशोर की शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात नहीं हो पायी. प्रशांत उनके पिता से मिलकर लौट आये. बाद में शुभेंदु अधिकारी ने एक कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से कहा कि जब तक वह पश्चिम बंगाल के मंत्री हैं, तब तक सरकार या मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे. यह अनैतिक होगा. तब तृणमूल के नेताओं ने कहा था कि शुभेंदु अब भी तृणमूल कांग्रेस में हैं. वह कहीं नहीं जा रहे.

दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति तृणमूल कांग्रेस में खुश नहीं रह सकता. यह एक प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है, जो एक व्यक्ति और परिवार के द्वारा संचालित होता है. वहीं, बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह ने पिछले दिनों दावा किया था कि शुभेंदु अधिकारी, सौगत रॉय समेत कई नेता भाजपा में शामिल होने वाले हैं.

Also Read: ब्रिज पर राजनीति: माजेरहाट पुल के उद्घाटन पर PWD मंत्री और रेलवे ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया

उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अभी तक शुभेंदु अधिकारी ने केवल मंत्री पद छोड़ा है, पार्टी नहीं. यह देखा जाना बाकी है कि वह राजनीति तौर पर आगे क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि शुभेंदु के भाजपा में शामिल होने के संबंध में अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें