पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High court) ने सोमवार को आदेश दिया कि विश्व भारती विश्वविद्यालय के 50 मीटर के दायरे में धरना-प्रदर्शन नहीं होगा. कोर्ट ने पुलिस को विश्वविद्यालय को सुरक्षा मुहैया का आदेश दिया. गौरतलब है कि अपनी सुरक्षा की मांग पर कलकत्ता हाइकोर्ट में विश्व भारती के वीसी विद्युत चक्रवर्ती ने याचिका दायर की थी. विश्व भारती में आंदोलनकारी विद्यार्थियों से वह खुद की सुरक्षा चाहते हैं. उनका आरोप है कि आंदोलन के लिए उनके व उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा बाधित हो रही है. उनके रोजाना का जीवन बाधित हो गया है. गौरतलब है कि विश्व भारती विश्वविद्यालय में छात्रों का आंदोलन जारी है.
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जस्टिस राजशेखर मंथा ने इस आदेश को फिर से बहाल करने का आदेश जस्टिस जॉय सेनगुप्ता को दिया. उनके मुताबिक, कोर्ट ने यह आदेश एक बार दिया है. इसे अभी भी अनदेखा क्यों किया जा रहा है? उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार की आलोचना की. राज्य सरकार ने कहा कि जिस वक्त धरना शुरू हुआ, घेराबंदी की जा रही थी. उसी वक्त 13 पुलिस अधिकारी वहां गए थे. उप कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि उनमें से कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं था, वे सिविक वोलेंटियर्स थे.
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जज ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहाकि 13 लोग या 1300 लोग कोई बड़ी बात नहीं है. सवाल यह है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना क्यों की जा रही है? उसके बाद, पिछले आदेश को न्यायाधीश जॉय सेनगुप्ता ने बहाल कर दिया . गौरतलब हो कि पिछले शनिवार को विश्व भारती परिसर से छात्रों ने धरना हटा लिया था, लेकिन आंदोलन जारी है. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अब विश्व भारती विश्वविद्यालय के 50 मीटर के दायरे में धरना-प्रदर्शन नहीं होगा.
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