कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधासनभा चुनाव 2021 की घोषणा से पहले राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तगड़ा झटका लगा है. ‘अम्फान’ चक्रवात के राहत एवं बचाव कार्य में अनियमितता के आरोपों के बीच कलकत्ता हाइकोर्ट ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को चक्रवात अम्फान से संबंधित राहत कार्य की ऑडिट करने का निर्देश दिया. इससे बौखलायी ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला कर दिया है.
कलकत्ता हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कैग से आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद तीन महीने के भीतर ऑडिट पूरी करने को कहा. दायर की गयी कई जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अपने अधिकारियों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार ने अनधिकृत और अवैध तरीके से कुछ चयनित लोगों को राहत प्रदान की और योजनाओं का लाभ प्रदान करने के दौरान केंद्र अथवा राज्य सरकार के तय पैमानों का पालन नहीं किया गया.
उधर, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर हल्ला बोल दिया. कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों के जरिये देश के संघीय ढांचे को ध्वस्त करने में लग गयी है. कहा, ‘वे हमसे 25,000 करोड़ रुपये का हिसाब मांग रहे हैं, जिसे हमने अम्फान तूफान के पीड़ितों की मदद में खर्च किये. उन लाखों करोड़ों रुपये का हिसाब कौन देगा, जो आम लोगों ने पीएम-केयर्स फंड में जमा किये हैं. वो पैसे कहां गये? क्या किसी व्यक्ति को इस फंड के भविष्य के बारे में कोई भी जानकारी है?’
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ममता बनर्जी ने कहा कि उस फंड के इस्तेमाल का ऑडिट क्यों नहीं कराया जा रहा? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने आगे कहा कि केंद्र सरकार आज राज्य को लेक्चर दे रही है. उसने अब तक राज्य की किस तरह से मदद की. ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कोरोना से लड़ने में बंगाल सरकार की कोई मदद नहीं की. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वे मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि मैं गरीब हूं.’
ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबान्न में संवाददाताओं से कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने में पीएमओ ने बंगाल सरकार की क्या मदद की है? कुछ वेंटिलेटर दिये हैं और 191 करोड़ रुपये बस. राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से जंग में अब तक 5,000 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. अम्फान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल आये थे. हमें आश्वासन दिया था. लेकिन, दिया क्या? सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये और वह भी वो पैसा, जिसकी हकदार राज्य सरकार है. इसलिए जो लोग कुछ दे नहीं सकते, उन्हें कोई अधिकार नहीं कि हमें भाषण दें.
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने हाइकोर्ट के आदेश के बाद कहा कि कोर्ट की ओर से कैग के द्वारा अम्फान रिलीफ फंड के इस्तेमाल की कैग से जांच कराने के आदेश का वह स्वागत करते हैं. मुकुल रॉय ने कहा कि अब जनता को तय करना है कि जनता का हित कहां सुरक्षित है. वे जांचें, परखें और उसके बाद तय करें कि उनका हितैषी कौन है.
The Hon'ble Calcutta High Court has directed a CAG investigation of West Bengal Govt's Amphan Relief Fund usage. We welcome the decision of the judiciary. Now, it is for the people to scrutinize the propriety of the state govt in context of today's judgement. pic.twitter.com/s4eVwjETEg
— Mukul Roy (@MukulR_Official) December 1, 2020
Posted By : Mithilesh Jha