West Bengal News: बीते दिनों गाड़ी से 49 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किये गये झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों को कलकत्ता हाईकोर्ट से बेल (जमानत) मिलेगी या उन्हें जेल में ही रहना होगा, इसका फैसला बुधवार को होगा. बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायाधीश तीर्थंकर घोष की एकल पीठ में कांग्रेसी विधायकों की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने सोमवार को न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की अदालत में जमानत याचिकाएं पेश की थीं. उस समय न्यायाधीश ने कहा था कि वह बुधवार को इस पर सुनवाई करेंगे.
झारखंड से कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगारी को 30 जुलाई को हावड़ा जिले के पांचला में राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर उनकी गाड़ी से 49 लाख रुपये नकद बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था. विधायकों पर आरोप है कि इनके पास से लगभग 49 लाख रुपये नकद बरामद किये थे, जिसका हिसाब वे नहीं दे पाये.
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इसके बाद हावड़ा जिला पुलिस ने तीनों विधायकों को गिरफ्तार कर लिया था और अब सीआईडी मामले की जांच कर रही है. फिलहाल तीनों विधायक सीआईडी की हिरासत में हैं. वहीं, इस मामले में सीआईडी की टीम सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि दिल्ली, ओड़िशा, असम व झारखंड में भी जांच अभियान चला रही है. सीआईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह राशि विधायकों की खरीद-बिक्री के लिए ली गयी थी.
वहीं, गिरफ्तार कांग्रेस विधायकों ने सीआईडी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीआईडी के पास मामले की जांच करने का अधिकार ही नहीं है. इसलिए विधायकों ने सीबीआई या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पिछले हफ्ते इस याचिका को खारिज कर दिया था. अब विधायकों ने एकल पीठ के इस फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी है. इस मामले की भी सुनवाई बुधवार को हाईकोर्ट में होने की संभावना है.
इससे पहले, मामले की सुनवाई के दौरान तीनों विधायकों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने हाईकोर्ट में कहा था कि हावड़ा के पांचला थाने की पुलिस ने झारखंड के तीन विधायकों को 49 लाख रुपये के साथ पकड़ा था, लेकिन इनके खिलाफ आय कर या काला धन कानून के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया. इन विधायकों के खिलाफ अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मामले को राजनीतिक रूप से प्रभावित किया जा सकता है. उन्होंने मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपने का आवेदन किया है.