पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विधानसभा में बताया राज्य में हिलसा मछली की संख्या बढ़ाने के लिए डायमंड हार्बर में हिलसा संरक्षण और अनुसंधान केंद्र स्थापित किये गये हैं. इससे राज्य में हिलसा की संख्या बढ़ी है. हिलसा के मामले में हम आत्मनिर्भर बन गये हैं. अब हमें पड़ोसी देश बांग्लादेश से आयात करने की आवश्यकता नहीं.
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उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के लिए 500 ग्राम से कम वजन वाली मछली को पकड़ने पर रोक लगाने की जरूरत है. पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने से पहले जागरूकता पर जोर दिया जाये. सीएम ने कहा : प्रतिबंध लगाना अच्छा है, लेकिन मुझे लगता है कि हम केवल एक कानून लाकर हिलसा को पकड़ने और बेचने से नहीं रोक सकते. हमें आम लोगों में जागरूकता बढ़ानी होगी. बांग्लादेश सरकार ने कानून बना कर 500 ग्राम से कम वजन वाली हिलसा को पकड़ने पर रोक लगा दी है. मंत्री ने कहा कि विभाग छोटी हिलसा को पकड़ने पर रोक लगाने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रहा है.
हावड़ा जिला के अमता से तृणमूल कांग्रेस विधायक सुकांत पाल ने खेद व्यक्त किया कि हाल के दिनों में रूपनारायण नदी और उसके आस-पास के क्षेत्रों सह कोलाघाट में हिलसा मछलियां कम हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि कोलाघाट थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण का खामियाजा मछलियों को भुगतना पड़ा है. पाल ने पूछा कि क्या विभाग ने इस मुद्दे के समाधान के लिए कोई कदम उठाया है ? इसके जवाब में राज्य के मत्स्य मंत्री बिप्लब रायचौधरी ने कहा कि 500 ग्राम से कम वजन वाली हिलसा पकड़ने और बेचने से कुछ क्षेत्रों में हिलसा की कमी हो गयी है. उन्होंने कहा कि उनके विभाग ने छोटी हिलसा मछली पकड़ने और बेचने पर रोक लगाने के लिए बाजारों में जागरूकता पर जोर दिया है.