कोलकाता : बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) पर ओछी राजनीति कर राज्य के लोगों को केंद्रीय योजनाओं से मिलने वाले लाभ से वंचित करने के आरोप लगाये हैं. श्री घोष ने गुरुवार को साल्टलेक स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार विभिन्न योजनाओं की घोषणा कर रही है, लेकिन राज्य सरकार कई योजनाओं में शिरकत नहीं कर रही है. किसान सम्मान निधि योजना और आयुष्मान भारत योजना में पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने शिरकत नहीं की है. इससे राज्य के किसानों और आम लोगों को 12,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. इसके अतिरिक्त इस मद में राज्य सरकार को रुपये खर्च करने पड़े हैं. इसका भार राज्य के लोगों पर पड़ा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को अपने नाम से लागू करती है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में आवास बनाये जाते हैं, लेकिन इसका क्रेडिट मुख्यमंत्री खुद लेती हैं. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे देश के लोगों को लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए योजनाओं की घोषणा की है. मध्यम वर्ग को भी ऋण में राहत दी है. केंद्र सरकार ने अभी तक 450 ट्रेनें चलायी है. 10 लाख श्रमिक अपने घर वापस आये हैं, जबकि मुख्यमंत्री मात्र 17 ट्रेनों को चलाने का आग्रह किया था. अब दवाब में 100 ट्रेनों की चलाने की अनुमति मांगी है.
श्री घाेष ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. वेल्लोर, बेंगलुरु व दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में बंगाल से इलाज कराने गये लोग फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि वाममोर्चा शासन काल से लेकर तृणमूल शासन काल तक राज्य के विकास के लिए कदम नहीं उठाये गये. उद्योग-धंधे नहीं लगे. इस कारण लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ा. राज्य सरकार यह स्पष्ट करे कि बंगाल के कितने श्रमिक बंगाल के बाहर काम करने के लिए विवश हैं? लेकिन, राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस बाबत कोई भी आंकड़े जारी नहीं किये गये हैं.
निगम में प्रशासक बैठाने जाने पर टिप्पणी करते हुए श्री घोष ने कहा कि यह सरकार चाहती है कि पीछे के दरवाजे से शासन करे. सरकार चुनाव नहीं चाहती और पहले माकपा विरोध करती थी लेकिन अब सिलीगुड़ी में भी माकपा के नेता अशोक भट्टाचार्य को प्रशासक बना कर उनका मुंह बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा यदि माकपा विरोध करती है तो उसे खुल कर बोलना चाहिए और चुनाव की मांग करनी चाहिए.