कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गुरुवार (23 जुलाई, 2020) को राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया. सरकार के एक सप्ताह में दो दिन पूर्ण लॉकडाउन रखने की योजना के तहत यहां सभी दुकानें बंद रहीं और परिवहन के सभी साधन भी सड़कों से नदारद थे. 25 और 29 जुलाई को भी ऐसे ही लॉकडाउन लगाया जायेगा. राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, इस दौरान जूट मिल का मुख्य द्वार बंद रहेगा और किसी भी मजदूर को अंदर आने या बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी.
राज्य के कुछ हिस्सों में वायरस के सामुदायिक प्रसार के बीच द्वि-साप्ताहिक लॉकडाउन को लागू करने का कदम उठाया गया. पुलिस के विशेष दल शहर के विभिन्न हिस्सों में, खासकर निरुद्ध क्षेत्रों में गश्त लगा रहे हैं. लोगों को घरों और उनके इलाके से निकलने के लिए रोकने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में अवरोधक भी लगाये गये हैं.
आपातकालीन सेवाओं के अलावा सरकारी और निजी, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक और निजी परिवहन, अन्य गतिविधियां इन दिनों बंद रहेंगी. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में बुधवार को कोविड-19 से 39 लोगों की जान जाने से मृतक संख्या 1,221 हो गयी है. वहीं 2,291 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमण के मामले बढ़कर 49,321 हो गये.
उधर, राज्य सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि कम्प्लीट लॉकडाउन के दौरान जूट मिल का मुख्य द्वार बंद रहेगा. किसी भी मजदूर को अंदर आने या अंदर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि, राज्य प्रशासन ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान यदि मजदूर अंदर ही रहते हैं, तो उन्हें काम करने की इजाजत दी जायेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के दिनों में जूट मिलें बंद रहेंगी, लेकिन यदि कारखाने के कर्मचारी परिसर के अंदर हैं, तो काम करने की अनुमति दी जायेगी. वहीं, जूट मिलों के मालिकों का कहना है कि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त लागत वहन करनी होगी, क्योंकि मजदूरों के रहने और खाने का इंतजाम उन्हें ही करना होगा.
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा यदि मजदूर पूरे समय परिसर के अंदर ही साथ में रहते हैं, तो कोविड-19 संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जायेगा. गौरतलब है कि जूट मिलों को 24 मार्च को बंद करने के बाद एक जून से दोबारा पूरी तरह कामकाज शुरू करने की अनुमति सरकार की ओर से दी गयी थी. तब से जूट मिलों में सामान्य कामकाज हो रहा है.
Posted By : Mithilesh Jha