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कोरोना इम्पैक्ट : ममता सरकार ने बुलायी 24 जून को सर्वदलीय बैठक, दिलीप घोष को मिला निमंत्रण

पश्चिम बंगाल सरकार (West bengal government) ने राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार (24 जून, 2020) को एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है. बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) को फोन किया था.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार (West bengal government) ने राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार (24 जून, 2020) को एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है. बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip ghosh) को फोन किया था.

सीएम ने विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान को भी फोन किया था, लेकिन श्री मन्नान अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. दूसरी ओर, श्री घोष ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें फोन किया था और वह सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे. सुश्री बनर्जी खुद बैठक की अध्यक्षता करेंगी. बैठक बुधवार (24 जून, 2020) दोपहर में राज्य सचिवालय नबन्ना में होगी. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी भी मौजूद रहेंगे.

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श्री घोष ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग काफी दिनों से की गयी थी. आखिरकार ममता सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात को स्वीकारा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान 6 बार बैठक की हैं, जबकि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के पहले केवल 1 बार ही बैठक की थी. उन्हें (मुख्यमंत्री को) विश्वास था कि वह स्थिति सं‍भाल लेंगी, लेकिन अब वह बैठक बुला रही हैं. देर से ही सही, लेकिन बैठक बुला रही हैं, तो भाजपा पूरा सहयोग करेगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा बैठक में कुछ खामियों के साथ सुझाव भी देगी. केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों की योजना में बंगाल में शामिल नहीं किये जाने के तृणमूल नेताओं के आरोप पर श्री घोष ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बाबत कोई भी सूची केंद्र सरकार को नहीं भेजी है.

श्री घोष ने कहा कि राज्य सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं है कि बाहर से राज्य में कितने प्रवासी श्रमिक आये हैं, जो भी सूचनाएं हैं, वे आधारहीन हैं. तृणमूल सरकार केवल केंद्र सरकार पर दोषारोपण करती है. राहत सामग्री वितरण के लेकर राज्य के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सही और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है. तृणमूल के नेताओं व उनके समर्थकों को मुआवजा मिल जा रहा है. इस कारण विरोध प्रदर्शन स्वाभाविक है.

Posted By : Samir ranjan.

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