कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने नवान्नो में इस बात का संकेत दिया कि राज्य में वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और मदरसों में पढ़ाई जुलाई में भी शुरू नहीं की जा सकती है. मंगलवार (23 जून, 2020) को शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chatterjee) ने कहा कि राज्य में आगामी 31 जुलाई तक स्कूल- कॉलेज नहीं खोले जा सकते हैं. उच्च माध्यमिक (Higher Secondary) की बची हुई परीक्षाएं उसी तारीख पर होंगी. तीन पेपर की परीक्षा 2, 6 और 8 जुलाई, 2020 को ही होगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण (Corona infection) की चेतावनी को देखते हुए बंगाल में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में कक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकती है. ध्यान रहे कि बंगाल में भी मार्च मध्य से ही शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. चरणबद्ध तरीके से एक के बाद एक फैसला सुनाते हुए संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की जा रही है. इससे पहले 30 जून, 2020 तक संस्थान नहीं खोले जाने की घोषणा की थी.
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मंगलवार (23 जून, 2020) को शिक्षा मंत्री ने कहा कि केवल नियमित कक्षाएं 30 जून के बजाय 31 जुलाई, 2020 तक स्थगित रहेंगी. शैक्षणिक संस्थानों का प्रशासनिक कामकाज कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के अनुसार, उसी तरह जारी रहेगा, जिस तरह लॉकडाउन में जारी था.
प्रथम चरण में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने घोषणा की थी कि कक्षा एक से 8वीं तक के सभी बच्चों को पास किया जायेगा. दूसरे शब्दों में इस साल जो बच्चा प्रथम कक्षा में है, वह अगले शैक्षणिक सत्र में कक्षा 2 में चला जायेगा. वहीं, 8वीं का बच्चा 9वीं कक्षा में चला जायेगा. कक्षा 11वीं के लिए भी यही नियम होगा. मंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि 11वीं के सभी छात्रों को पास किया जायेगा, क्योंकि 11वीं की परीक्षा भी लॉकडाउन (Lockdown) के कारण अधूरी रह गयी थी.
शिक्षा मंत्री ने सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि माध्यमिक परीक्षा (Secondary examination) के नतीजे भी अभी नहीं निकाले जा रहे हैं. अभी नतीजों की घोषणा से छात्रों में एनजाइटी व तनाव बढ़ जायेगा. उनका कहना है कि कई स्थानों पर स्कूल और कॉलेजों का उपयोग सरकारी कोरेंटिन सेंटरों के रूप में किया गया है. कई राज्यों से प्रवासी श्रमिक (Migrant worker) भी आये हैं. इसको देखते हुए विद्यार्थियों के लिए अभी संस्थान खोला नहीं जा सकता है.
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सरकार ने यह भी तय किया है कि इन सेंटरों पर उन लोगों को सुरक्षित रूप से रखा जाये, जिनमें कोविड के थोड़े-बहुत लक्षण हैं. जो बुरी तरह से बीमार हैं. अस्पताल के बेड उनके लिए रखे गये हैं. सेफ हाउस के रूप में स्कूल और कॉलेजों का उपयोग कोरेंटिन सेंटर के रूप में किया गया है. कुछ लोगों ने भी सुझाव दिया है कि जुलाई में स्कूल खोलना संभव नहीं है. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है.
मंत्री ने कहा कि अब राज्य में कोविड-19 की हालत को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 31 जुलाई तक बंद रहेंगे. कॉलेज व विश्वविद्यालय में प्रतिदिन होने वाली गतिविधियां भी स्थगित रहेंगी. व्यक्तिगत स्तर पर संस्थानों की सिफारिश के आधार पर गतिविधियां होगी. संस्थान के कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा.
Posted By : Samir ranjan.