कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Cm Mamta Banerjee) ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन (Lockdown) संबंधी केंद्र की घोषणा चाहे जो भी हो, राज्य सरकार की ओर से आगामी 21 मई तक सावधानी बरती जायेगी. हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसे लॉकडाउन करार देने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि राज्य में जो रेड जोन वाले इलाके हैं, वहां अतिरिक्त सावधानी बरतनी जरूरी है. इसके अलावा जो ऑरेंज जोन हैं वहां थोड़ी ढील दी जायेगी और जो ग्रीन जोन हैं वहां अधिक ढील दी जायेगी.
सरकार 21 मई तक सरकारी दफ्तरों को 25 फीसदी कर्मचारियों को रोस्टर के आधार पर ही चलायेगी. इसके अलावा उसकी केंद्र सरकार से अपील रहेगी कि अंतरराष्ट्रीय व घरेलू उड़ानों, ट्रेन परिसेवा, अंतरराष्ट्रीय सीमा, इंटर स्टेट बसों को तब तक बंद रखा जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की बातों से भी प्रतीत हुआ कि लॉकडाउन और बढ़ सकता है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ऑनलाइन डिलिवरी के मामले में राज्य ने अत्यावश्यक सामानों के साथ-साथ अब गैर जरूरी सामानों की डिलिवरी शुरू करने की इजाजत दे दी है.
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल की बोलने की बारी नहीं थी, इसलिए उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला. तीन घंटे तक वह केवल सुनते ही रही. हालांकि, केंद्र की ओर से दुकानों को खोलने के संबंध में जो निर्देश दिया गया है उसमें स्पष्टता का अभाव है. उन्होंने कहा कि दुकानों को खोलने से रास्ते पर भीड़ होगी और वह किसी को दुकानों में जाने से मना नहीं कर सकते. एक तरफ तो केंद्र सरकार सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर दुकानों को खोलने के लिए कह रही है. वह भी राज्य सरकार के साथ बगैर कोई सलाह लिए. दोनों बातें एकसाथ कैसे हो सकती है. या तो घर में ताला लगाया जा सकता है या नहीं. आधा ताला कैसे लग सकता है? लिहाजा इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र से और स्पष्ट दिशानिर्देश हासिल करेगी और विचार करने के बाद बुधवार यानी दो दिन बाद इस संबंध में फैसला लेगी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना (Coronavirus) से मुकाबले के लिए ‘ कैबिनेट कमेटी ऑन कोविड मैनेजमेंट’ (Cabinet Committee on Covid Management) के गठन की घोषणा की. इसकी अध्यक्षता राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा करेंगे. कमेटी में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के अलावा, पार्थ चटर्जी, चंद्रिमा भट्टाचार्य और फिरहाद हकीम रहेंगे. साथ ही गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव तथा सीएमआरओ के सलीम संयोजक की भूमिका निभायेंगे. यह कमेटी कोरोना के खिलाफ उठाये जाने वाले कदमों को निर्धारित करेगी. मुख्यमंत्री को यह कमेटी ब्रीफ करेगी.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि एमएसएमइ सेक्टर (MSME Sector) से जुड़े लोगों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के खाते में 10-10 हजार रुपये दिये जायें. मुख्यमंत्री ने कहा कि 15-15 लाख रुपये देने की घोषणा तो पहले ही की गयी थी. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए जीडीपी का न्यूनतम छह फीसदी का एक फंड बनाया जाये. सरकार बेवजह की दिखावे की करोड़ों की परियोजनाओं को बंद कर सकती है. केंद्रीय टीम को राज्य में भेजे जाने के संबंध में उनका कहना था कि टीम के सामने पेश होकर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कभी मुख्य सचिव, कभी स्वास्थ्य सचिव तो कभी गृह सचिव जानकारी ही देते रहेंगे, तो अन्य काम कब होगा?
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मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि घर में रखकर कोरोना की चिकित्सा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को सरकार क्वारेंटाइन नहीं कर सकती. लेकिन, अगर किसी के पास सुविधा है और अगर वह कोरोना पॉजिटिव है, तो उसकी चिकित्सा घर में ही हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग संपर्क स्थापित करके चिकित्सा का दिशानिर्देश घर में भी दे सकता है.