बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान सितरंग का सामना करने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है. तूफान तेज रफ्तार से बंगाल व बांग्लादेश के तट की ओर बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल तट को पार करते हुए बरिसाल के निकट बांग्लादेश तट से जा टकराया . गौरतलब है कि सितरंग सोमवार की रात लगभग 9 बजे से 11 बजे के बीच बीच बांग्लादेश में बारिसल के पास तिनकोना द्वीप और सैंडविच के बीच 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट पर टकराया. चक्रवात की चपेट में आने से 7 लोगों की मौत हुई है. वहीं कई लोग घायल हुए हैं. सितरंग ने बांग्लादेश में भारी तबाही मचाई है.
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राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग की कई टीमों के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को राज्य के तटीय इलाकों में तैनात किया गया है. इसके साथ ही दीघा, मंदारमणि, ताजपुर, शंकरपुर, सागर, बकखाली सहित अन्य तटवर्ती क्षेत्रों में वाटर टूरिस्ट गतिविधियां बंद रखने के लिए कहा गया है. एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 60 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. वहीं अब भी मेघालय,असम, मिजोरम समेत कई जगहों पर बारिश की संभावना जताई जा रही है.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की सतर्क रहने की अपील
चक्रवात सितरंग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बारिश की संभावना के बीच लोगों से ‘सतर्क रहने’ की अपील की है . भारतीय मौसम विभाग की ओर से इस चक्रवात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि चक्रवात की वजह से 25 अक्तूबर को भारी बारिश हो सकती है. ऐसे में फिजूल में घर से बाहर नहीं निकलने और सुंदरबन या समुद्री इलाकों में नहीं जाने की सालह दी गई है.
मंगलवार सुबह पश्चिम बंगाल तट के आसपास 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की चेतावनी दी है. जो 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं. हालांकि बाद में धीरे धीरे घटकर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर आ जाएंगी. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में चक्रवात का असर कम हो गया है फिर भी कई इलाकों में बारिश की संभावना है. कोलकाता में सुबह से ही धूप खिली हुई है.