पश्चिम बंगाल में डेंगू का कहर जारी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया है इसके साथ ही डेंगू से बचाव के लिए उचित कदम उठाये जा रहे हैं. फिलहाल कोलकाता व जिलों में डेंगू से मरने वाले लोगों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को दसवीं कक्षा की छात्रा सायन हलदर की मौत डेंगू से हो गई. सायन के मृत्यु प्रमाण पत्र में कहा गया है कि उनकी मृत्यु ‘डेंगू शॉक सिंड्रोम’ से हुई है. कोलकाता में लगातार दो दिनों में डेंगू से दो लोगों की मौत हुई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की अर्चना देवी नाम की युवती की गुरुवार सुबह साल्ट लेक के एक निजी अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई थी .
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कोलकाता में हर रोज डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से पिछले कुछ सप्ताह में स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोलकाता में लगातार हो रही बारिश की वजह से डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. महानगर में डेंगू डेन-3 के फैलने का खतरा बढ़ रहा है, जिसने राज्य स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता नगर निगम की टेंशन बढ़ा दी गयी है. बता दें कि डेंगू के चार प्रकार है- डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4. कोलकाता में अब तक डेंगू फैलाने वाले मच्छरों में डेन-1 और डेन-2 का वायरस मिल रहा था. लेकिन अब डेन-3 का खतरा काफी बढ़ गया है. निगम की ओर जारी रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है. यह डेन-3 भी बेहद खतरनाक माना जा रहा है.
राज्य में डेंगू का प्रकोप काफी तेजी से फैल रहा है. राज्य स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 1854 मामले मिले हैं. जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 977 और ग्रामीण इलाके से 906 मामले सामने आये हैं. उत्तर 24 परगना जिले में 618, हावड़ा में 419, हुगली में 356, मुर्शिदाबाद में 290 कोलकाता में 263 और जलपाईगुड़ी से 214 मामले सामने आये हैं.
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