कोलकाता (आनंद कुमार सिंह) : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सोमवार को एक और झटका लगा. शनिवार को राजीव बनर्जी समेत तीन विधायकों एवं अन्य नेताओं के भारतीय जनता पार्टी का झंडा थामने के बाद सोमवार को डायमंड हार्बर के तृणमूल विधायक दीपक हल्दर ने पार्टी छोड़ दी.
उन्होंने स्पीड पोस्ट से अपना इस्तीफा पार्टी नेतृत्व को भेजा. पहला इस्तीफा तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय को भेजा, जबकि दूसरा इस्तीफा दक्षिण 24 परगना के जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष शुभाशीष चक्रवर्ती के कोलकाता स्थित हरिदेवपुर आवास पर.
वाम मोर्चा के शासन के दौरान दक्षिण 24 परगना जिला में तृणमूल कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में दीपक हल्दर की भूमिका काफी अहम थी. दीपक को शोभन चटर्जी का करीबी माना जाता है. माना जा रहा है कि शोभन की तरह वह भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं.
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बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ अरसे से दीपक हल्दर की दूरियां बढ़ रहीं थीं. कई बार उन्हें शिकायत करते देखा गया कि इलाके के विधायक को लगातार दरकिनार किया गया. प्रशासनिक आयोजनों में भी उन्हें नहीं बुलाया जाता. वह पार्टी में भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे. इसलिए पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
वर्ष 2011 में डायमंड हार्बर से चुनाव जीतकर वह विधायक बने थे. इसके बाद जिले की राजनीति और गुटबाजी में उनका नाम आने के बाद 16 सितंबर, 2015 को उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया. कुछ ही महीने बाद उन्हें पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया.
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वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने फिर से डायमंड हार्बर से अपना उम्मीदवार बनाया. 2016 में भी उन्होंने जीत दर्ज की. बताया जाता है कि डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में वर्तमान में जिले की राजनीति में युवा नेताओं का वर्चस्व है. ऐसी स्थिति में दीपक दरकिनार हो गये थे.
इस्तीफा देने के बारे में पूछे जाने पर श्री हल्दर ने कहा कि कई वर्षों का संबंध समाप्त हो गया. पत्र देकर अपना फैसला उन्होंने पार्टी को बता दिया है. भाजपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद वह डायमंड हार्बर के लोगों से बातचीत कर रहे हैं. उनकी सलाह ले रहे हैं. लोगों से बात करने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha