पश्चिम बंगाल की जनता के लिये पंचायत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ‘दीदी का सुरक्षा कवच’ परियोजना का शुभारंभ किया है. जिसके तहत तृणमूल के साढ़े तीन लाख स्वयंसेवक ‘दीदी का सुरक्षा कवच’ परियोजना के तहत राज्य के हर व्यक्ति के घर जाएंगे. लोगों को सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ ही लोगों के घर-घर जाकर उनसे जनसंपर्क किया जाएगा. इसके साथ ही नये ऐप को भी लांच किया गया है ‘दीदी के दूत’.
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दीदी के दूत ऐप के जरिये तृणमूल पंचायत चुनाव से पहले जनसंपर्क में बड़े पैमाने पर शामिल हो रही है. इस परियोजना में तृणमूल के 3.5 लाख स्वयंसेवक ‘दीदी के दूत’ के रूप में राज्य के 10 करोड़ लोगों के घर पहुंचेंगे. ममता बनर्जी की टीम लोगों को सरकार की 15 परियोजनाओं से जुड़ी जानकारी देंगे. इसके साथ ही दीदी के समर्थक यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है. अगर संबंधित व्यक्ति के पास इस संबंध में कोई सुझाव है तो भी दीदी के दूत इसे रिकॉर्ड करेंगे.
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* यह कार्यक्रम 11 जनवरी से शुरु होगा.
* सभी स्तरों पर तृणमूल कांग्रेस के 3 लाख स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी जाएगी. बंगाल के 10 करोड़ लोगों तक पहुंचेगे ‘दीदी के दूत’.
* दीदी के दूत एप के माध्यम से हर घर की मैपिंग कर सरकार की विभिन्न पैमानों वाली योजनाओं जैसे शिक्षाश्री, कन्याश्री, स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड, स्वास्थ्य साथी, लक्ष्मी भंडार, युवाश्री जैसी योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जाएगी.
* दीदी के दूत घर-घर जाकर देखेंगे कि लोगों को सारी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं.