पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. लेफ्ट फ्रंट के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की ओर से निगम मुख्याल्य का घेराव किया गया.डीवाईएफआई ने कोलकाता नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कोलकाता नगर निगम आम जनता के हित में नहीं सोचती है. विकास के नाम पर परियोजनाएं ठप पड़ी हुई है. रोजगार के अवसर नहीं प्रदान किये जा रहे. इन विभिन्न मुद्दों को लेकर डीवाईएफआई ने निगम मुख्याल्य का घेराव किया था.
डीवाईएफआई की सचिव मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने कहा कि कोलकाता नगर निगम में हजार पद खाली है. लेकिन उन पर नियुक्ति नहीं की जा रही है. अंदर ही अंदर अपने रिश्तेदारों की नियुक्ती कर लेते है. अन्य युवाओं को मौका नहीं मिल पा रहा है. मेयर फिरहाद हकीम से कई बार मिलने का प्रयास भी किया गया लेकिन कोई लाभ नहीं मिलता है. योजनाओं के नाम पर जनता से पैसा वसूला जाता है. शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है. डीवाईएफआई की मांग है कि निगम के खाली पड़े पदों पर नियुक्ती नियमानुसार किया जाएं.
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निगम मुख्याल्य के समाने प्रदर्शन कर रहे डीवाईएफआई के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया. कोलकाता नगर निगम के अंदर प्रवेश करने का उनकी ओर से पुरजोर प्रयास किया गया . लेकिन पुलिस ने तत्परता से इस घेराव को समाप्त किया .कई समर्थकों को चोटें भी आई उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया.
डीवाईएफआई के समर्थकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मेयर फिरहाद हकीम को ज्ञापन भी सौंपा है. केएमसी सूत्रों के अनुसार, ज्ञापन देने के बाद डीवाईएफआई के समर्थकों को आश्वासन दिया गया है कि खाली पदों पर आवश्यकतानुसार नियुक्ति की जाती है. जो आरोप लगाये जा रहे हैं, वह निरर्थक है. केएमसी हमेशा आम लोगों के हित के लिए सोचता है.