कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में 12 जगहों पर छापामारी की. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को इडी ने गणेश बगड़िया के अलावा नीरज सिंह और अमित सिंह के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की.
कोयला एवं मवेशी तस्करी मामले में ईडी की 100 अधिकारियों की टीम ने सुबह करीब 10 बजे कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हुगली, आसनसोल, दुर्गापुर, बर्दवान समेत कई शहरों के एक दर्जन जगहों पर छापेमारी शुरू की. अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के जवान भी थे.
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने अवैध कोयला के कारोबार से जुड़े व्यापारी गणेश बगड़िया के ठिकानों के अलावा हुगली जिला के कोन्नगर स्थित कन्हाईपुर में सिंह ब्रदर्स के ठिकानों पर तलाशी ली. बगड़िया और सिंह ब्रदर्स के नीरज सिंह के तार कोयला तस्करी के मास्टरमाइंड अनूप माझी उर्फ लाला से जुड़े हैं.
इतना ही नहीं, कोयला और मवेशियों की तस्करी करने वालों एवं राजनीति में रसूख रखने वालों के बीच कड़ी का काम करने वाले विनय मिश्रा के भी ये दोनों करीबी बताये जा रहे हैं.
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मध्य कोलकाता के बेंटिक स्ट्रीट स्थित एक ही मकान के चौथे व सातवें तल्ला पर गो तस्करी मामले के प्रमुख आरोपी इनामुल हक के दो ठिकानों पर छापामारी की गयी.
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बड़ाबाजार में हवाला कारोबारी के दो ठिकानों पर भी छापामारी की गयी.
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कोलकाता से सटे बांगुड़ एवेन्यू में रहने वाले हाल ही में दुबई से लौटे व्यापारी गणेश बागड़िया के घर में अधिकारी तलाशी लेने के लिए पहुंच गये.
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हावड़ा में भी एक ठिकाने पर ईडी की टीम ने पहुंचकर जांच अभियान चलाया.
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हुगली के कोन्नगर में अमित सिंह और संजय सिंह नामक दो व्यापारियों के ठिकानों पर भी छापामारी की गयी. बताया जा रहा है कि तस्करी के रुपये को मार्केट में खपाने में वह भी इनामुल हक की मदद करते थे.
ईडी के सूत्रों ने बताया कि मवेशी एवं कोयला तस्करी मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट के तहत मामला दायर कर छापेमारी शुरू की गयी है. छापेमारी का प्रमुख मकसद यह पता लगाना है कि कोयला तस्करी और मवेशी तस्करी से मिलने वाली मोटी रकम कहां जाती है? इस रैकेट के तार किन-किन लोगों से जुड़े हैं.
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सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी में कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जिससे पता चलता है कि हवाला कारोबारियों के माध्यम से तस्करी के रुपये का मोटा हिस्सा विदेश भेजा जाता था. इससे जुड़े सबूत हाथ लगने के बाद अब ईडी के अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) एक्ट को भी इस मामले से जोड़ने का फैसला लिया है.
अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को सभी ठिकानों में की गयी छापामारी में जो-जो सबूत हाथ लगे हैं, उनकी गहराई से जांच करने के बाद वे आगे की कार्रवाई शुरू करेंगे.
उल्लेखनीय है कि 28 नवंबर, 2020 को सीबीआइ ने कोयला तस्करी मामले में झारखंड, बंगाल, बिहार एवं उत्तर प्रदेश में 45 जगहों पर छापामारी की थी. सीबीआइ ने ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के खदानों से होने वाली कोयला चोरी के मामले में कार्रवाई की थी.
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पश्चिम बंगाल में जिन 25 जगहों पर छापामारी की गयी, वे बर्दवान जिला के आसनसोल, दुर्गापुर, रानीगंज एवं दक्षिण 24 परगना के विष्णुपुर में स्थित थे. कोयले की तस्करी और चोरी के इस मामले में ईसीएल के अधिकारियों के अलावा भारतीय रेलवे और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है.
Posted By : Mithilesh Jha