पश्चिम बंगाल में गौ तस्करी मामले में टीएमसी के हैवीवेट नेता अनुब्रत मंडल फिलहाल जेल में है, लेकिन ईडी की कार्रवाई जारी है. पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकरी आकास नागरिया को ईडी ने समन भेजा है. उनसे कोयला तस्करी मामले में पूछ ताछ की जा सकती है . वहीं पर 28 सितबंर को आला आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह को भी तलब किया गया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक जब कोयला तस्करी के मूल आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला के नेतृत्व में राज्य के पश्चिमी जिलों में कोयले की तस्करी जोरों पर थी, तब ज्ञानवंत सिंह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर थे. ऐसे में उन पर ईडी की पैनी नजर बनी हुई है.
Also Read: West Bengal: थाईलैंड में भी है पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का बंगला, ED का खुलासा
सूत्रों के अनुसार कोयला घोटाले के एक आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला से पूछताछ करने पर जांचकर्ताओं को ज्ञानवंत सिंह के नाम पता चला था. फिर उन्हें तलब किया गया था. एक बार फिर ज्ञानवंत सिंह को ईडी ने तलब किया है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर रहने के बावजूद उनके समय में इस तरह से कोयले की तस्करी कैसे हुई. यह सवाल उठाया गया है. ईडी ने न केवल ज्ञानवंत, बल्कि कुल आठ लोगों को तलब किया था. ये सभी अलग-अलग समय पर महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. क्या उन्हें कोयले की तस्करी की जानकारी थी ? पुलिस अधिकारियों के सामने कैसे हुई तस्करी ? इसको लेकर सवाल उठाया गया है.
Also Read: झारखंड की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर अमित शाह ने कहा- चुनाव आयोग के फैसले में केंद्र का दखल नहीं
ईडी ने कोयला तस्करी मामले में इसके पहले 8 आईपीएस अधिकारियों को तलब किया था, जिनमें ज्ञानवंत सिंह के अलावा आईपीएस श्याम सिंह, राजीव मिश्रा, तथागत बसु, सुकेश जैन, भास्कर मुखोपाध्याय, एस सेल्वामुरुगन और कोटेश्वर राव के नाम शामिल थे. उनमें से कुछ उस समय के डीआईजी, कुछ आईजी, कुछ पुलिस अधीक्षक पद पर कार्यरत थे. ऐसे में ईडी की पैनी नजर बंगाल के आईपीएस अधिकारियों पर टिकी हुई है. कोयला तस्करी मामले में हर रोज नये खुलासे हो रहे हैं.
Also Read: BJP का झंडा लगे लग्जरी कार से बिहार में शराब बरामद, 6 तस्कर गिरफ्तार