कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन सही तरीके से लागू नहीं होने से नाखुश राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन को सलाह दी कि इस संकट के समय वह राजनीति से दूर रहें.
Also Read: Coronavirus: बंगाल के इस युवक की तारीफ पीएम मोदी ने जमकर की, कहा- वाह.. मुझे खुशी हुई…
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा. राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी शत-प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए.’
राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए. राज्यपाल की टिप्पणी मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी और उन्होंने इसे राजनीति से जोड़ दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें अर्धसैनिक बलों की क्यों जरूरत है? कई ऐसे मामले आये हैं, जब सैन्य बल के जवान स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं. कुछ लोग परेशानी में राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं. मैं सभी का आह्वान करूंगी कि यह राजनीति का समय नहीं है. यह संकट का समय है.’
हालांकि, उन्होंने राज्यपाल का नाम नहीं लिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी हाल में राज्य के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन में ढिलाई पर चिंता जतायी थी. इनमें से ज्यादातर स्थान अल्पसंख्यक बहुल हैं और भाजपा की प्रदेश इकाई ने कई बार आरोप लगाया है कि इन इलाकों में लॉकडाउन का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.
Also Read: कोरोना के कहर से कराह रही स्वास्थ्य व्यवस्था, गंभीर रोगों से पीड़ितों का नहीं हो पा रहा इलाज
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. केंद्र सरकर के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार की केवल कुछ विशेष क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता रखने में दिलचस्पी है.
ममता ने कहा था, ‘हम किसी सांप्रदायिक वायरस से मुकाबला नहीं कर रहे हैं, हम ऐसी बीमारी से लड़ रहे हैं, जो मनुष्य के संपर्क में आने से फैलती है. जहां भी हमें दिक्कत दिखेगी, वहां लॉकडाउन लागू करने के लिए कदम उठाये जायेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि दुकानें बंद रहेंगी. हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं.’ धनखड़ और राज्य सरकार के बीच पहले भी कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं.