आपने बनारस स्थित पतित पावनी गंगा घाट पर संध्या काल में भव्य महाआरती देखी होगी। अब कुछ वैसा ही नजारा पश्चिम बंगाल के कोलकाता के प्रिंसेप घाट पर भी आपको देखने को मिलेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के निर्देश पर गंगा घाटों पर भव्य आरती का आयोजन को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है. मेयर फिरहाद हकीम ( Firhad Hakim) ने प्रिंसेप घाट का जायजा लिया है. सफाई का कार्य शुरु कर दिया गया है. दरअसल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अब प्रत्येक शनिवार और रविवार को कोलकाता नगर निगम की ओर से गंगा की महाआरती का आयोजन प्रिंसेप घाट पर किया जाएगा. बता दें कि महाआरती का समय सूर्यास्त के बाद और रात्रि 10 बजे तक का रखा गया है. कोलकाता नगर निगम की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
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गंगा आरती के दौरान लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से कोलकाता नगर निगम कोलकाता पुलिस की मदद लेगा, ताकि गंगा गंगा आरती के दौरान किसी तरह की समस्या न आये. गंगा आरती के दौरान निगम कर्मियों को भी तैनात किया जाएगा, ताकि घाटों पर सफाई को लेकर विशेष व्यवस्था की जा सकें.
गंगा आरती
हावड़ा के रामकृष्णपुर घाट पर कई सालों से रोजाना शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है . यह गंगा आरती हर रोज के अलावा विशेष अनुष्ठानों में भव्य तरीके से की जाती है. यहां बनारस के पंडितों द्वारा आरती की जाती है. इसे देखने के लिए हावड़ा में कोलकाता, हुगली व हावड़ा के आसपास के लोग जमा होते है.
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मेयर परिषद के सदस्य तारक सिंह ने बताया कि गंगा किनारे महाआरती का आयोजन देखना खुद में काफी दिलचस्प होने वाला है. महानगर के कई घाटों पर गंगा की महाआरती की शुरुआत करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन हमलोग बनारस के तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन करना चाहते हैं. ऐसे में प्रिंसेप घाट को चिह्नित किया गया है . घाट का जायजा भी लिया जा चुका है. जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा. प्रिंसेप घाट को चिह्नित करने का कारण है कि यह काफी बड़ा है और लोगों को बैठने और खड़े रहने की जगह भी यहां आसानी से मिलेगी. हमारा मानना है कि गंगा आरती इतने अच्छे से हो कि महानगर का हर आदमी इसका हिस्सा बनना चाहे . महीने में चार दिन भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा .
गंगा आरती की महिमा और ख्याति से न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी खिंचे चले आते हैं. ऐसे में महानगर में गंगा आरती की शुरुआत होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी. कोलकाता नगर निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी.
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