पश्चिम बंगाल के कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मृत्युदंड प्राप्त दो पाकिस्तानी नागरिकों समेत लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकवादियों को बरी कर दिया. हालांकि, अदालत ने उन्हें अन्य अपराधों के लिए सजा सुनायी. चारों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का दोषी पाया गया था तथा 10 साल के कठोर कारावास की सजा भी सुनायी गयी थी. न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति अनन्या बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने चारों दोषियों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए नए भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के को तहत आरोपों से बरी कर दिया.
Also Read: ममता बनर्जी ने कहा बंगाल के खिलाफ जनता को भड़काने की रची जा रही है साजिश, अधिकारियों को किया सतर्क
पीठ ने निर्देश दिया कि दो पाकिस्तानी नागरिकों कर मोहम्मद युनूस तथा मोहम्मद अब्दुल्ला को उनके देश वापस भेजा जाये. ये दोनों पहले ही सजा काट चुके हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों भारतीय नागरिक आइपीसी की धारा र 121ए के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का षड्यंत्र रचने का दोषी पाये गये और सजा की अवधि पूरी कर चुके हैं. अदालत ने कहा कि मुजफ्फर अहमद राठेर को सुधार गृह से रिहा किया जाये, जबकि एसके नईम को एक अन्य मामले के संबंध में दिल्ली की पटियाला हाऊस अदालत के समक्ष पेश किया जाये.
खंडपीठ ने मौत की सजा देनेवाली एक सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ अपीलों पर दिये अपने आदेश में कहा, आइपीसी की धारा 121 के तहत बरी किये जाने के मद्देनजर अपीलकर्ताओं को मिली मौत की सजा तथा 50-50 हजार रुपये के जुर्माने को रद्द किया जाता है. अदालत ने कहा कि आपराधिक ताकत का प्रदर्शन कर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की संप्रभुता को आतंकित करने या युद्ध छेड़ने की साजिश रचने से संबंधित आइपीसी की धारा 121ए के तहत अपराध गंभीर प्रकृति का है तथा इसमें एक ऐसे 5 आतंकवादी संगठन से प्रेरित सदस्य शामिल हैं, जिसका उद्देश्य देश में आतंक फैलाना तथा राष्ट्र को अस्थिर करना है. अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता ऐसे लोग नहीं हैं जो आतंकवादी संगठन के शीर्ष पद पर बैठे थे. अदालत ने कहा कि वे ऐसे योद्धा हैं जिन्हें संगठन की गतिविधियों के लिए लालच देकर या बलपूर्वक भर्ती किया गया.
मोहम्मद युनूस और मोहम्मद की अब्दुल्ला अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. उचित प्राधिकारियों को उनके मूल देश यानी पाकिस्तान भेजने का निर्देश दिया जाता है . गौरतलब है कि उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों मोहम्मद युनूस, मोहम्मद अब्दुल्ला और मुजफ्फर अहमद राठेर पर जनवरी 2017 में मौत की सजा सुनायी थी तथा चौथे आतंकवादी अब्दुल नइम को दिसंबर 2018 में देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मृत्युदंड दिया था.
Also Read: बांग्लादेश से 97.31 लाख का ब्राउन सुगर लाया गया भारत, महिला गिरफ्तार