पश्चिम बंगाल में छात्र संघ के चुनाव कराने की मांग पर पिछले 9 दिनों से कोलकाता मेडिकल कॉलेज के छात्र भूख हड़ताल पर हैं. इस बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव नायारण स्वरुप निगम कोलकाता मेडिकल कॉलेज से सटे स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन पहुंचे थे. हालांकि, इस दौरान उन्होंने हड़ताली छात्रों से मुलाकात नहीं की. संवाददाताओं द्वारा स्वास्थ्य सचिव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा- वह मेडिकल कॉलेज में छात्र आंदोलन को लेकर फिर एक बार कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करेंगे. इतना कहने के बाद स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य विभाग चले गये.
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वहीं, भूख हड़ताल कर रहे छात्रों के साथ खड़े होकर अभिभावकों ने भी सांकेतिक भूख हड़ताल की. न केवल वर्तमान छात्रों के माता-पिता, बल्कि पूर्व छात्रों परिवार के सदस्य भी पहुंचे थे. ईशानी चटर्जी साॅल्टलेक से मेडिकल कॉलेज पहुंची थीं. ईशानी ने बताया कि उनका भाई इसी कॉलेज के छात्र थे. वर्तमान में, वह विदेश में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं. उस भाई के कॉलेज में छह छात्र भूख हड़ताल पर हैं, जिसे देखकर ईशानी देवी से घर से सीधे कॉलेज पहुंचीं. उन्होंने कहा कि छात्रों की मांग जायज है. सरकार को जल्द से जल्द छात्रों की मांगें मान लेनी चाहिए.
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वहीं, भूख हड़ताल कर रहे छात्रों के साथ खड़े होकर उनके अभिभावकों ने भी सांकेतिक भूख हड़ताल की. न केवल वर्तमान छात्रों के माता-पिता, बल्कि पूर्व छात्रों परिवार के सदस्य भी पहुंचे थे. ईशानी चटर्जी साॅल्टलेक से मेडिकल कॉलेज पहुंची थीं. ईशानी ने बताया कि उनका भाई इसी कॉलेज के छात्र थे. वर्तमान में, वह विदेश में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं. उस भाई के कॉलेज में छह छात्र भूख हड़ताल पर हैं, जिसे देखकर ईशानी देवी से घर से सीधे कॉलेज पहुंचीं. उन्होंने कहा कि छात्रों की मांग जायज है. सरकार को जल्द से जल्द छात्रों की मांगें मान लेनी चाहिए.
इस बीच मेडिकल कॉलेज के छात्रों के आंदोलन को लेकर आरोप लगाया गया है कि इलाज में बाधा आ रही है. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने आरोपों को खारिज कर दिया. आंदोलनकारी सौम्यजीत गंगोपाध्याय ने कहा, हम इलाज नहीं करते हम तो अभी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन हमारे साथ कुछ पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) जरुर साथ दे रहे हैं. पर हमारे सीनियर सहपाठी अपना काम खत्म कर अनशन स्थल पर आ रहे हैं. चिकित्सा व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक हम धरना पर रहेंगे. भूख हड़ताल जारी रहेगा.