Kolkata Local Train News, Coronavirus Pandemic, Indian Railways News: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में करीब 7 महीने के बाद लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू होने के बाद की स्थिति पर डॉक्टरों ने चिंता जतायी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि यही हाल रहा, तो कोविड-19 की रफ्तार तेज होगी और बंगाल में कोरोना की लहर देखने को मिलेगी. डॉक्टरों ने उपनगरीय ट्रेनों में कोविड सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए आगाह किया कि इससे महामारी की स्थिति बिगड़ सकती है.
उपनगरीय ट्रेन सेवाएं कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में बुधवार को बहाल हुईं. सात महीने के अंतराल के बाद ट्रेन सेवाएं बहाल होने पर लोग कई स्टेशनों पर ट्रेन में सवार होने के लिए धक्का-मुक्की करते दिखे. ट्रेनों के डिब्बों में भीड़ भी थी. डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के उल्लंघन वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल हैं. इससे, पिछले कुछ हफ्तों में इस बीमारी के खिलाफ मिले लाभ को नुकसान पहुंचेगा.
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ अनिर्बान दलुई ने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि लोग कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. यह निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है.’ उन्होंने कहा, ‘दिक्कत यह है कि जो लोग बिना लक्षण वाले हैं या हल्के लक्षण वाले हैं, वे ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं और ऐसा करके उन लोगों के जीवन को खतरे में डालते हैं, जो उचित सावधानी नहीं बरत रहे हैं.’
Also Read: Sarkari Naukri, Happy Diwali: ममता ने बंगाल के 2.70 लाख युवाओं के मन में जलाये ‘उम्मीदों के दीये’, शिक्षक नियुक्ति के लिए इंटरव्यू दिसंबर मेंज्वाइंट प्लेटफार्म ऑफ डॉक्टर्स के डॉ हीरालाल कोनार ने इन उल्लंघनों के लिए राज्य सरकार और रेलवे की कथित खराब योजना को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘स्थिति काफी चिंताजनक है. मुझे डर है कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वायरस उस स्तर तक फैल जायेगा जहां यह नियंत्रण से बाहर होगा.’
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एस बंद्योपाध्याय ने हालांकि कहा कि यात्रियों को उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा करते समय सुरक्षा मानदंडों को समझने और अभ्यास करने में कुछ दिन लगेंगे. उन्होंने कहा, ‘स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है, लेकिन सरकार या रेलवे को दोष नहीं दिया जा सकता है. आम लोगों को शारीरिक दूरी बनाये रखने और यात्रा करते समय प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कुछ जिम्मेदारी दिखानी होगी.’
Also Read: IRCTC News: दिवाली से छठ तक बिहार के लिए खुलेंगी 6 स्पेशल ट्रेनें, जेनरल कोच की स्लीपर कोच के रूप में होगी बुकिंगउल्लेखनीय है कि बुधवार से उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू हुआ. कोविड-19 के मद्देनजर प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी और यात्रियों ने भी नियमों का पालन किया. लेकिन, शाम के व्यस्त समय में ट्रेन की कोचों में भीड़ लग गयी. पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे के तहत चलने वाली लोकल ट्रेन सेवाओं का तड़के से ही परिचालन शुरू हो गया. सुबह सेवाओं के शुरू होने के बाद ट्रेनों में भीड़ नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, ट्रेनों में भीड़ बढ़ती गयी.
पूर्वी रेलवे सियालदह खंड में 413 उपनगरीय ट्रेनें और हावड़ा खंड में 202 ट्रेनें बुधवार से चलनी शुरू हो गयीं. दक्षिण-पूर्व रेलवे 81 नियमित ट्रेनों का परिचालन कर रहा है. यात्रियों ने लोकल ट्रेनों की सेवा शुरू होने पर खुशी जाहिर की. उनका कहना है कि इससे न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि वह पैसे भी बचा सकेंगे.
नदिया जिले के कल्याणी के रहने वाले संजय दत्त ने बताया, ‘मुझे सॉल्ट लेक क्षेत्र के सेक्टर-5 में अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए दो बसें बदलनी पड़ती थीं. ट्रेन यात्रा के मुकाबले में बस यात्रा में दोगुना समय लग जाता था, पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ते थे और भीड़-भाड़ वाली बस में स्वास्थ्य संबंधी खतरा था.’
Also Read: अमित शाह ने कोलकाता में कहा, CAA लागू होगा, बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को राजनीतिक हत्याओं पर लाना चाहिए श्वेत-पत्रयात्रियों ने कहा है कि ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी की जाये, ताकि ट्रेन के कोचों में भीड़-भाड़ से बचा जा सके. वहीं, रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे कोविड-19 नियमों का पालन करें. स्टेशन परिसरों और ट्रेनों के भीतर मास्क पहनना अनिवार्य है.
Posted By : Mithilesh Jha