पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षा पर्षद की ओर से शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) आयोजित की गयी थी. इस टेट के आधार पर 2016 में शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. अब इस नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court ) में याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कहा कि अगर यह साबित हो गया कि नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली हुई है और लोगों की अवैध तरीके से नियुक्तियां हुई हैं, तो हम पूरे पैनल को ही खारिज कर देंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे उन छात्रों को भी परेशानी होगी, जिनकी नियुक्ति वैध तरीके से हुई है. न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर इस मामले में आरोप साबित होते हैं, तो 30,000 नौकरियां सवालों के घेरे में आ जायेंगी.
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गौरतलब है कि 2016 में हुईं नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए 139 अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. उनका दावा है कि शिक्षक के तौर पर उन लोगों को भी नियुक्त किया गया, जिनका प्राप्तांक उनसे कम था. हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा पर्षद बोर्ड को 139 अभ्यर्थियों का प्राप्तांक देख कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. बताया गया है कि 2014 में हुए प्राइमरी टेट के आधार पर 2016 में शिक्षकों की नियुक्तियां की गयीं. लेकिन आरोप है कि मामले में 824 ऐसे लोगों का भी शामिल हैं, जिनका प्राप्तांक उनसे कम है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पर्षद को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं की सूची उनसे मेल खाती है या नहीं और उनके नंबर मिलते हैं या नहीं. इस मामले में रिपोर्ट पेश करें. मामले की सुनवाई 10 जनवरी को होगी. बताया गया है कि शिकायतें मुख्य रूप से उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और उत्तर दिनाजपुर के बारे में हैं.
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वहीं, शिक्षा विभाग में ग्रुप डी में हुई नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने स्कूल सेवा आयोग से रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने आयोग से पूछा है कि पैनल में जिन-जिन लोगों के नाम थे, उनमें से कितने लोग नौकरी कर रहे हैं. इसका जवाब आयोग को देना होगा. संबंधित जिलों के शिक्षा प्रभारी इस बारे में रिपोर्ट पेश करेंगे.गौरतलब है कि सीबीआई ने दावा किया है कि ग्रुप डी में 1698 अभ्यर्थियों के पैनल में से कई लोगों की नियुक्तियां अवैध तरीके से हुई हैं. जल्द ही सीबीआई द्वारा अवैध रूप से नियुक्त लोगों की तालिका हाईकोर्ट में पेश की जायेगी. इस बीच, हाईकोर्ट ने आयोग को भी अवैध तरीके से नियुक्ति अभ्यर्थियों की तालिका पेश करने का आदेश दिया है.
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