कोलकाता : पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शरणार्थी वोट पर नजर रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 25,000 शरणार्थी परिवारों को भूमि के अधिकार प्रदान किये. उन्होंने कहा कि कुल 1.25 लाख परिवारों को भूमि के अधिकार दिये जायेंगे. इस बारे में बनर्जी ने करीब एक साल पहले घोषणा की थी.
ममता बनर्जी ने कहा कि संपत्ति के अधिकार को लेकर कोई शर्त नहीं लगायी जायेगी. ममता बनर्जी ने मतुआ विकास बोर्ड और नमशुद्र विकास बोर्ड के लिए क्रमश: 10 करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये आवंटित किये. उन्होंने सचिवालय में एक कार्यक्रम में कहा, ‘आज हम 25,000 शरणार्थियों को भूमि अधिकार के कागजात दे रहे हैं. आगामी दिनों में 1.25 लाख शरणार्थी परिवारों को भूमि के अधिकार दिये जायेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘भूमि अधिकार के ये कागजात सबूत के तौर पर काम करेंगे कि आप इस देश के नागरिक हैं. आपकी नागरिकता कोई नहीं ले सकता.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में मतुआ और नमशुद्र के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है. मुख्यमंत्री विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों, लोक कलाकारों के साथ बात कर रही थीं, जहां उन्होंने औपचारिक तौर पर शरणार्थियों को भूमि के कागजात सौंपे.
ममता बनर्जी ने कहा कि वह शरणार्थियों को दिये जाने वाले ‘पट्टे’ के लिए तब से काम कर रहीं थीं, जब वह 1980 के दशक में जादवपुर से कांग्रेस की सांसद थीं. ममता बनर्जी ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कि जिन लोगों को राज्य की हकीकत पता नहीं है, वे बस चुनाव के पहले यात्रा करते हैं और लोगों को बेवकूफ बनाने का प्रयास करते हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘अचानक से उन्हें (भाजपा) मतुआ का मुद्दा याद आया है. चुनाव के पहले वे बड़े-बड़े वादे करते हैं. आपको पता है कि हम कब से इसके लिए काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमने मतुआ विकास बोर्ड और नमशुद्र विकास बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. हम बागड़ी, महजी और दुले समुदायों के लिए भी कोष आवंटित करेंगे.’
उन्होंने कहा कि राज्य में बागड़ी, महजी और दुले समुदाय के 30 लाख से ज्यादा सदस्य हैं. राज्य सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब केंद्रीय मंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आने वाले हैं.
Posted By : Mithilesh Jha