कोलकाता : कोरोना वायरस संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए पश्चिम बंगाल में सप्ताह में दो दिन बंद के नियम के मद्देनजर बुधवार (29 जुलाई, 2020) को सार्वजनिक स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. राज्य में परिवहन के सभी सार्वजनिक साधन, सरकारी और निजी कार्यालय, बैंक और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं. सिर्फ अनिवार्य सेवा जारी हैं.
कोलकाता के दमदम स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाली और यहां से जाने वाली उड़ानों का परिचालन भी बंद है. लंबी दूरी वाली ट्रेनों के परिचालन की तारीखें भी बंद की वजह से बदल दी गयी हैं. बंद के बीच दवा दुकानें और अस्पताल, नर्सिंग होम खुले हैं. इन्हें बंद के दायरे से बाहर रखा गया है. राज्य में पेट्रोल पंप भी खुले हैं.
राज्य में पुलिसकर्मी शहर के व्यस्त चौराहों पर गश्त करते हुए दिखे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि सप्ताह में दो दिन बंद का निर्णय राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए विशेषज्ञों की सलाह के बाद लिया गया है. राज्य में कोविड-19 की वजह से मरने वालों की संख्या 1,449 है और कुल संक्रमित लोगों की संख्या 62,964 है.
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ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से 38 और मरीजों की मौत होने से मंगलवार को मृतक संख्या बढ़कर 1,449 हो गयी. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोविड-19 के 2,134 नये मामले सामने आने से इसके कुल मामले बढ़कर 62,964 हो गये. राज्य में अभी 19,493 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि पिछले 24 घंटे में 2,105 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गयी.
सूत्रों ने बताया कि राज्य में ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या अब 42,022 है. उन्होंने बताया कि सोमवार से राज्य में 17,021 नमूनों की जांच की गयी है. इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अब कोविड19 के संदिग्ध मरीजों के रिश्तेदारों को उनका शव देखने की अनुमति होगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के (पॉजिटिव रिपोर्ट वाले) मरीजों और इसके संदिग्ध मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल में कोई अंतर नहीं है.
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उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि अगर संदेह है कि मरीज की मौत कोविड-19 के कारण हुई है, तो जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 घंटे लगते हैं. परिवार के सदस्यों को तब तक इंतजार करना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्हें इंतजार नहीं करना होगा. हम उन्हें शव को देखने के लिए आंधा घंटा का वक्त देंगे, लेकिन यह कवर के अंदर होगा. अंतिम संस्कार आइसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक होगा.
Posted By : Mithilesh Jha