कोलकाता : कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन में छूट देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की घोषणा की है. शराब की दुकानें खुलने के साथ ही दुकान के सामने लंबी-लंबी लाइन देखी जा रही है. भाजपा महासचिव और केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने शराब की दुकानें खोलने की निंदा करते हुए कहा : सरकार को केवल अपने रेवन्यू की चिंता है और इसलिए शराब की दुकानें खोली गयी. न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही लॉकडाउन का. ममता जी की सरकार को जनता के स्वास्थ्य की भी चिंता नहीं है.
श्री विजयवर्गीय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की ताजा परिस्थिति की जानकारी के लिए प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष, केंद्रीय सह प्रभारी अरविंद मेनन, केंद्रीय सचिव मंडल के सदस्य मुकुल राय, प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्रीद्वय अमिताभ चक्रवर्ती व किशोर बर्मन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की.
उन्होंने कहा : केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम ने आइएएस अधिकारी अपूर्व चंद्र के नेतृत्व में आइडी हॉस्पिटल, एमआर बांगुर हॉस्पिटल, कोविड हॉस्पिटल, आइएलएस और संजीवनी हॉस्पिटल सहित कोलकाता और हावड़ा के क्वारंटाइन सेंटरों का दौरा किया था. दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय टीम ने कहा : बंगाल में तुरंत सुधार की जरूरत वरना हालात बेकाबू होंगे.
उन्होंने कहा : केंद्र सरकार ने राज्य में केंद्रीय टीम भेजी थी. केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के बारे में अपना आकलन पत्र लिखा है. उससे बंगाल के नागरिकों के लिए चिंता पैदा हो गयी है और इससे यह भी साफ हो गया है कि ममता जी की सरकार कितनी गैर जिम्मेदार सरकार है. इस सरकार में प्रजातंत्र के मानदंडों का कोई स्थान नहीं है और न ही प्रदेश की जनता के प्रति कोई चिंता है.
विजयवर्गीय ने कहा कि सारा देश और सारी दुनिया कोरोना से लड़ रही है. किंतु बंगाल की मुख्यमंत्री कभी प्रधानमंत्री से लड़ती हैं. कभी राज्यपाल से लड़ती हैं. कभी पत्रकारों से लड़ती हैं. कभी उनकी पुलिस भाजपा के सांसदों को नजरबंद करती है और कभी सार्वजनिक रूप से ऐसा प्रदर्शन करती है, जो कि कोरोना से बचने के गृह मंत्रालय द्वारा घोषित मानदंडों का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा : तृणमूल का कोई नेता और ममता सरकार का कोई मंत्री कोरोना महामारी के बीच इन किसी अस्पताल में गया! इसी से पता चलता है कि बंगाल सरकार कोरोना के प्रति कितनी गंभीर है. यह बहुत शर्म की बात है.