कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बुधवार को फिर से निर्विरोध टीएमसी की चेयरपर्सन (TMC Chairperson Mamata Banerjee) चुन ली गयीं. तृणमूल कांग्रेस ने 2 फरवरी को चार साल बाद अपने संगठनात्मक चुनाव कराये. चुनाव प्रक्रिया नेताजी इंडोर स्टेडियम में संपन्न हुई.
पार्टी के प्रदेश महासचिव व चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने बताया कि सुश्री बनर्जी के पक्ष में कुल 48 प्रस्तावकों और समर्थकों ने नामांकन दाखिल किया था. चूंकि अध्यक्ष पद के लिए अन्य किसी ने नामांकन नहीं भरा था, इसलिए सुश्री बनर्जी को फिर से निर्विरोध चेयरपर्सन (Mamata Banerjee Unoppossed Chairperson of TMC) चुन लिया गया. अब पार्टी की कार्य समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.
ममता बनर्जी ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं से भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आग्रह किया और अंदरूनी कलह के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा- मैं चाहती हूं कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता वादा करें कि वे आपस में नहीं लड़ेंगे. अंदरूनी कलह बर्दाश्त नहीं की जायेगी. पार्टी के भीतर गुटों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
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ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल में कोई अलग समूह नहीं है, पार्टी एक संयुक्त समूह है. उन्होंने कहा कि बंगाल में अगले चुनाव में पार्टी को सभी 42 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा. हमें सभी को साथ लेकर चलना है.
ममता बनर्जी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए देश के तमाम क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब पूरे देश में भाजपा को टक्कर देना चाहती है, इसलिए उनकी पार्टी दूसरे राज्यों में अपनी सांगठनिक ताकत बढ़ाने पर जोर लगा देगी.
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर वह अपने ‘अहंकार’ की वजह से पीछे बैठना चाहती है, तो इसके लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार नहीं है. उनके मुताबिक, यदि कोई तृणमूल के साथ नहीं चलना चाहता है, तो उनकी पार्टी अकेले चलने को तैयार है. अगर जरूरत पड़ी, तो तृणमूल भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ेगी.
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टीएमसी चेयरपर्सन बनने के बाद ममता बनर्जी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उपाध्यक्ष के नाम की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पार्टी की पूर्ण कार्यसमिति का गठन फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी फिर से सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को दी गयी है, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुब्रत बक्शी (Subrata Bakshi) बनाये गये हैं. उनके साथ ही कार्यसमिति में यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha), पार्थ चटर्जी (Parth Chatterjee), अरूप विश्वास (Arup Biswas) और चंद्रिमा भट्टाचार्य (Chandrima Bhattacharya) भी शामिल हैं.
Posted By: Mithilesh Jha