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Mann Ki Baat: महर्षि अरविंदो घोष के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के वोटरों को साधा

Mann Ki Baat, Narendra Modi, Maharshi Aurobindo Ghosh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (29 नवंबर, 2020) को रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में महर्षि अरविंदो घोष के बहाने पश्चिम बंगाल के वोटरों को साधने की कोशिश की. वर्ष 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की पूरी टीम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गढ़ को ढाहने में जी-जान से जुटी है.

Mann Ki Baat: कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (29 नवंबर, 2020) को रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में महर्षि अरविंदो घोष के बहाने पश्चिम बंगाल के वोटरों को साधने की कोशिश की. वर्ष 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की पूरी टीम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गढ़ को ढाहने में जी-जान से जुटी है.

इसलिए कयास लगाये जा रहे हैं कि ‘मन की बात’ में अरविंदो घोष की याद और बांग्ला कविता पढ़कर प्रधानमंत्री बंगाल के मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से अपील की कि महर्षि अरविंदो घोष ने स्वदेशी को अपनाने के बारे में जो बातें कहीं थीं, उसे सभी लोगों को पढ़ना और समझना चाहिए.

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा को लेकर महर्षि की जो सोच थी, जो अपेक्षाएं थीं, उसे पूरा किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि महर्षि अरविंदो ने राष्ट्रीय शिक्षा को लेकर जो बातें उस समय कहीं थीं, शिक्षा नीति से जो उनकी अपेक्षाएं थीं, देश की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये उसे अब पूरा किया जा रहा है.

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रेडियो पर 18वीं बार मन की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों पर बात की. 5 दिसंबर को महर्षि अरविंदो घोष की पुण्यतिथि से पहले उन्हें याद करते हुए पीएम मोदी ने युवाओं को सलाह दी क वे अरविंदो घोष की पुस्तकों को पढ़ें. उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करें. पीएम ने कहा कि महर्षि अरविंदो को आप जितना जानेंगे, आप अपने आपको उतना ही जानेंगे. खुद को समृद्ध भी करेंगे.

पीएम ने आगे कहा कि अरविंद को हम जितना पढ़ते हैं, उतनी ही गहराई हमें मिलती जाती है. जीवन की जिस अवस्था में आप हैं, उनके बीच आप हमेशा अरविंदो को एक मार्गदर्शक के रूप में पायेंगे. उन्होंने लोकल के साथ वोकल अभियान और महर्षि अरविंदो के स्वदेशी के दर्शन को एक साथ जोड़ने की कोशिश की. कहा कि आज हम लोकल के साथ वोकल अभियान के साथ बढ़ रहे हैं, तो श्री अरविंदो का स्वदेशी दर्शन हमें राह दिखाता है.

स्वदेशी का संदेश देने के लिए पीएम मोदी ने बांग्ला की एक कविता भी पढ़ी. कविता इस प्रकार है:

छुई शुतो पॉय-मॉन्तो आशे तुंग होते.

दिय-शलाई काठि, ताउ आसे पोते.

प्रो-दीप्ती जालिते खेते, शुते, जेते.

किछुते लोक नॉय शाधीन.

यानी, हमारे यहां सूई और दियासलाई (माचिस) तक विलायत से जहाज से आते हैं. खाने-पीने, सोने, किसी भी बात में, लोग, स्वतंत्र नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अरविंदो कहते भी थे, ‘स्वदेशी का अर्थ है कि हम अपने भारतीय कामगारों, कारीगरों की बनायी हुई चीजों को प्राथमिकता दें.’

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ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने विदेशियों से कुछ सीखने का विरोध किया हो. जहां जो नया हो, उससे हम सीखें. जो हमारे देश में अच्छा हो सकता है, उसका हम सहयोग और प्रोत्साहन करें. यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान में वोकल फॉर लोकल मंत्र की भी भावना है.

मन की बात में पीएम मोदी ने कई विषयों पर बात की. अरविंदो घोष के हवाले से प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को स्वदेशी चीजों को प्राथमिकता देने की अपील की. कहा कि जब हम लोकल के साथ वोकल होने की बात करते हैं, तो महर्षि अरविंदो घोष के स्वदेशी का दर्शन हमारा मार्गदर्शन करता है. प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक मशहूर बांग्ला कविता भी पढ़ी.

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Posted By : Mithilesh Jha

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