कोलकाता : देश भर में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद से भारत के 2,680 नागरिक बांग्लादेश में फंसे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार लॉकडाउन का हवाला देकर उन्हें अपने देश में आने की अनुमति नहीं दे रही है. विदेश मंत्रालय के अनुरोध को भी राज्य सरकार ने नहीं माना. विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह किया है कि पड़ोसी देश में फंसे अपने ही राज्य के इन लोगों को वह घर लौटने की अनुमति दे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि कुछ सप्ताह पहले भी केंद्र सरकार ने इसी तरह का अनुरोध किया था, जिसके मद्देनजर बांग्लादेश से सटी छह में से दो जमीनी सीमाओं के जरिये नागरिकों को प्रवेश देने की बात कही गयी थी. विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विक्रम दोरईस्वामी ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को इस संबंध में पत्र भी लिखा था.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को जो पत्र लिखा गया था, उसमें कहा गया है, ‘हमारे ढाका स्थित मिशन ने एक बार फिर सूचित किया है कि पेत्रापोल-बेनापोल एकीकृत जांच चौकी के जरिये 2,399 लोग बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल लौटना चाहते हैं. इसी तरह, अन्य 281 नागरिक फुलबारी-बांग्लाबांध जमीनी सीमा के जरिये लौटने की मांग कर रहे हैं.’
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पत्र में आगे कहा गया है कि बांग्लादेश में फंसे लोग बेहद खराब हालात में रह रहे हैं. वे लोग विद्यालय परिसर और पार्कों में आश्रय लेने को मजबूर हैं. इनमें से अधिकतर लोग श्रमिक हैं, जो पड़ोसी देश में अपने रिश्तेदारों से मिलने गये हुए थे. इस बीच, मंत्रालय ने रेलवे को भी लिखा है कि वह बांग्लादेश से लोगों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने के विकल्प पर विचार करे.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के इरादे से भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी. ट्रेन एवं विमान सेवाओं तक को बंद कर दिया गया था. फलस्वरूप काफी संख्या में लोग जहां-तहां फंस गये. हालांकि, भारत सरकार ने राज्य सरकारों के आग्रह पर देश के अन्य राज्यों में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलायीं थीं. विदेशों से भी विमान से लोगों को भारत लाया गया.
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Posted By : Mithilesh Jha